क्या मध्य प्रदेश के मंदिर में मधुमक्खियों ने श्रद्धालुओं पर हमला किया?

सारांश
Key Takeaways
- मधुमक्खियों का हमला एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान हुआ।
- घायलों को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
- मंदिर प्रबंधन ने घटना पर खेद व्यक्त किया।
- सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को उजागर किया गया है।
- तारा माई देवी मंदिर क्षेत्र का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
भोपाल, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर तहसील में स्थित प्रसिद्ध तारा माई देवी मंदिर में रविवार को एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उस समय हड़कंप मच गया जब मधुमक्खियों के एक झुंड ने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया, जिससे 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों में सभी इंदौर के निवासी हैं। यह घटना रविवार सुबह उस समय हुई जब मंदिर में हवन का आयोजन हो रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे-जैसे अनुष्ठान आगे बढ़ा, हवन के धुएं से मधुमक्खियों का झुंड उत्तेजित हो गया और उन्होंने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। इस स्थिति से डरकर लोग भागने लगे और भगदड़ मच गई।
घायलों को तुरंत पृथ्वीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। उनकी चोटों की गंभीरता को देखते हुए सभी को उन्नत उपचार के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया।
घायलों में बाबूलाल (45), उनकी मां गोमती बाई (55), जमुना प्रसाद (60), अनीता (38), उमेश (40), कार्तिक (8), गोरी (8) और 13 वर्षीय नितिन शामिल हैं।
गोमती बाई की हालत गंभीर है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, परिवार पहले ग्वालियर गया था और फिर तारा माई मंदिर में पूजा करने आया था।
पुजारी द्वारा हवन की रस्में पूरी करने के बाद सभी प्रसाद खाने बैठे थे।
तभी अचानक चारों ओर से मधुमक्खियों ने उन पर हमला कर दिया। लोग न तो भागने की हिम्मत जुटा पा रहे थे और न ही समझ पा रहे थे कि क्या हो रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मंदिर घने जंगल से घिरा हुआ है और ओरछा क्षेत्र अपनी बड़ी मधुमक्खी आबादी के लिए जाना जाता है।
यह बताया जा रहा है कि अनुष्ठान के धुएं ने पास में घोंसला बना रही मधुमक्खियों को परेशान कर दिया, जिसके कारण यह अप्रत्याशित हमला हुआ।
तारा माई देवी मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है, खासकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं के बीच।
इस घटना ने बड़े धार्मिक समारोहों में सुरक्षा उपायों को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है, विशेषकर जंगली क्षेत्रों में।
इस बीच, मंदिर प्रबंधन ने घटना पर खेद व्यक्त किया है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग का आश्वासन दिया है। झांसी में चिकित्सा दल घायलों की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।