क्या बंद और चक्काजाम विपक्ष का 'बंटाधार' करेगा? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- मुख्तार अब्बास नकवी ने बिहार बंद की आलोचना की।
- विपक्ष ने मतदाता सूची में छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
- चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष है।
- महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का निर्णय ऐतिहासिक है।
- भाषा विवाद अनावश्यक हैं।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इंडिया गठबंधन द्वारा आयोजित बिहार बंद की कड़ी आलोचना की। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष मतदाता सूची में छेड़छाड़ और अपराध जैसे मुद्दों को उठाकर जनता को भटकाने का प्रयास कर रहा है। नकवी ने इसे विपक्ष की नकारात्मक राजनीति करार दिया और कहा कि इस प्रकार का बंद और चक्काजाम उनका ही "बंटाधार" करेगा।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में दावा किया कि जनता ने एनडीए और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को चुना है, जिसे विपक्ष स्वीकार नहीं कर पा रहा है। विपक्ष का बिहार बंद केवल चुनावी शोर है, जिसका कोई आधार नहीं है। कांग्रेस और राजद गठबंधन मतदाताओं को डराने और वोटिंग से हतोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने जोर दिया कि चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से मतदाता सूची का सत्यापन कर रहा है और विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर भ्रम फैला रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है और आयोग ने 24 घंटे में 47 फीसदी मतदाता सूची को सुधार लिया है। सभी दलों और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि मतदाता बिना भय और भ्रम के अपने मताधिकार का उपयोग करें।
बिहार में नीतीश सरकार के हालिया फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण का निर्णय ऐतिहासिक है। एनडीए सरकार समाज के सभी वर्गों महिलाओं, दलितों, पिछड़े और कमजोर तबके के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह आरक्षण बिहार की मूल निवासी महिलाओं को सीधी भर्ती में अवसर देगा, जो सुशासन का प्रतीक है।
महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद पर नकवी ने कहा कि मराठी भाषा का गौरवशाली इतिहास है, जिसे पूरा देश सम्मान देता है। हिंदी हमेशा अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने वाली रही है, न कि उनकी प्रतिद्वंदी। इस तरह के विवाद अनावश्यक और समाज में अशांति फैलाने वाले हैं।
उन्होंने कानपुर में बोर्ड उखाड़े जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की हरकतें ठीक नहीं हैं।