क्या मुंबई हवाई अड्डे पर फर्जी पासपोर्ट के साथ नेपाली और बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- मुंबई हवाई अड्डे पर फर्जी पासपोर्ट के साथ दो गिरफ्तारियां हुईं।
- अवैध दस्तावेजों का रैकेट उजागर हुआ है।
- कोलकाता में फर्जी पासपोर्ट बनाए गए थे।
- पुलिस जांच जारी है, और और गिरफ्तारियों की संभावना है।
- देश की सुरक्षा को खतरा है, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है।
मुंबई, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई का संचालन किया। यहां दो विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया गया।
यह गिरफ्तारी अवैध यात्रा के साथ-साथ एक बड़े फर्जी दस्तावेजों के रैकेट को उजागर करने वाली है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 336(2)(3), 340(2) और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान 29 वर्षीय नेपाली नागरिक कृष्णा मार्पण तमंग और 67 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक निरंजन नाथ सुबल चंद्रनाथ के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने कोलकाता में नकली दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाए थे। इन फर्जी पासपोर्टों का उपयोग करके उन्होंने कई विदेशी यात्राएं की हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पासपोर्ट के लिए फर्जी आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों का सहारा लिया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सहार पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि निरंजन नाथ ओमान की राजधानी मस्कत से मुंबई लौट रहा था। इमीग्रेशन काउंटर पर उसके दस्तावेजों की कड़ी जांच की गई, जिसमें कई संदिग्ध बातें सामने आईं, जैसे पासपोर्ट की जानकारी में विसंगतियां। पूछताछ के दौरान निरंजन ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि पासपोर्ट फर्जी है और इसे कोलकाता में बनवाया गया।
दूसरी ओर, कृष्णा मार्पण तमंग विदेश जाने की योजना बना रहा था। चेक-इन काउंटर पर उसकी दस्तावेजों की जांच हुई और फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। वह भी कोलकाता से बने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कर रहा था। दोनों की गिरफ्तारी से पुलिस को संदेह है कि यह कोई एकल मामला नहीं है, बल्कि एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो विदेशी नागरिकों को भारतीय दस्तावेज मुहैया कराता है।
सहार पुलिस अब इस रैकेट की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पूछताछ जारी है, ताकि फर्जी दस्तावेज सप्लाई करने वाले एजेंटों और कोलकाता के पासपोर्ट रैकेट के बारे में और जानकारी मिल सके।
अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अपराधों से देश की सुरक्षा को खतरा होता है, इसलिए जांच तेजी से चल रही है। संभावना है कि इस मामले में और गिरफ्तारियां होंगी।