क्या मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल ने आईएसआई ड्रग्स ट्रेमेडोल के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल की महत्वपूर्ण कार्रवाई।
- आईएसआई से जुड़े ड्रग्स ट्रेमेडोल की तस्करी का पर्दाफाश।
- गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और उनके पिछले रिकॉर्ड।
- ड्रग्स की बड़ी मात्रा की बरामदगी।
- नशे के खिलाफ पुलिस की लड़ाई में यह एक बड़ी सफलता।
मुंबई, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की आजाद मैदान यूनिट ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए आईएसआई से जुड़े प्रतिबंधित ड्रग्स ट्रेमेडोल की तस्करी में लिप्त तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, खुफिया सूचना के आधार पर एएनसी की टीम ने अंधेरी के जेबी सर्कल क्षेत्र में छापेमारी की और तीन आरोपियों को हिरासत में लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रतीक उपाध्याय, योगेश सिंह और भावेश शाह के रूप में हुई है। छापेमारी के दौरान, एएनसी ने आरोपियों के पास से 1,11,440 ट्रेमेडोल टैबलेट्स बरामद की, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 2 करोड़ रुपए है।
ट्रेमेडोल एक प्रतिबंधित ओपिओइड दवा है, जिसका उपयोग दर्द निवारक के रूप में होता है, लेकिन इसका दुरुपयोग नशे के लिए किया जाता है। इस कारण इसे कई देशों में नियंत्रित पदार्थों की सूची में शामिल किया गया है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी कूरियर के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई कर रहे थे। यह गिरोह संगठित रूप से कार्य कर रहा था और ट्रेमेडोल को विभिन्न राज्यों और संभवतः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी के लिए भेजा जा रहा था। जांच में पता चला है कि इस नेटवर्क का संचालन अत्यंत गोपनीय और सुनियोजित तरीके से किया जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों में से एक, भावेश शाह, पहले से ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के रडार पर था। उसके खिलाफ ड्रग्स तस्करी से संबंधित कई मामले पहले से दर्ज हैं। पुलिस को संदेह है कि वह इस तस्करी रैकेट का प्रमुख संचालक हो सकता है। अन्य दो आरोपी, प्रतीक उपाध्याय और योगेश सिंह, भी इस नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
एएनसी के एक अधिकारी ने कहा कि इस छापेमारी से ड्रग्स तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। जांच अभी जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह ड्रग्स कहाँ से मंगवाई गई थी और इसका अंतिम गंतव्य क्या था। इसके अलावा अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी गई है। मुंबई पुलिस ने इस कार्रवाई को नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक बड़ी सफलता बताया है।
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई ड्रग्स तस्करी को रोकने में मददगार साबित होती है। मामले में आगे की जांच जारी है और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।