क्या मुंबई में दीपावली पर गरीबों के नाम पर फर्जी पुलिस बनकर ठगी हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- जालसाजों ने गरीबों की मदद के नाम पर ठगी की।
- सामाजिक कार्यकर्ता की सतर्कता से ठगी का खुलासा हुआ।
- पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- सतर्क रहना और सूचित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
मुंबई, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के सांताक्रूज थाने की पुलिस ने एक सामाजिक कार्यकर्ता से ठगी करने के आरोप में दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये लोग दीपावली के अवसर पर गरीबों को उपहार और खाना बांटने का झूठा दावा कर रहे थे और इसके लिए फर्जी तरीके से चंदा इकट्ठा कर रहे थे।
सांताक्रूज में रहने वाले 67 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता आनंद जोशी ने पुलिस को शिकायत दी कि कुछ लोग नकली पुलिसकर्मी बनकर उनके घर आए और पैसे मांगने लगे।
उन्होंने अपनी पहचान एक पुलिस स्टेशन से जुड़ी बताई और कहा कि ये लोग दीपावली पर गरीबों के लिए कपड़े और खाना बांटने के लिए धन जुटा रहे हैं। जो भी सहायता करना चाहता है, वह दे सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने एक रजिस्टर भी दिखाया जिसमें पहले से कुछ लोगों के पैसे देने की जानकारी थी। रजिस्टर देखकर आनंद जोशी ने भी दो हजार रुपए दे दिए, लेकिन बाद में उन्हें उन पर शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचित किया।
पुलिस को सूचना मिलते ही वरिष्ठ निरीक्षक योगेश शिंदे के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जालसाजों की पहचान कर कुछ ही घंटों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के दशरथ दीपनाथ व्यास (24) और राधेश्याम चौहान (38) के रूप में हुई है।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी व्यास पर मरीन ड्राइव थाने में धोखाधड़ी का एक मामला पहले से दर्ज है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से ठगी में उपयोग की गई मोटरसाइकिल और कपड़े भी जब्त कर लिए हैं।
पुलिस इन जालसाजों से पूछताछ कर रही है ताकि उनके गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। इसके लिए पुलिस ने एक टीम का गठन भी किया है।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि इस तरह के लोग उनके पास आएं, तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें, ताकि इन्हें पकड़ा जा सके।