क्या मुंबई के मलाड में नकली पुलिस वाहन के साथ शूटिंग करना गंभीर अपराध है?

सारांश
Key Takeaways
- बिना अनुमति शूटिंग करना कानून के खिलाफ है।
- पुलिस की वर्दी और वाहन का दुरुपयोग गंभीर अपराध है।
- बांगुर नगर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है।
- इस घटना ने फिल्म उद्योग में सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है।
- जांच जारी है ताकि विशेष एजेंडा का पता लगाया जा सके।
मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलाड (पश्चिम) क्षेत्र में बिना अनुमति के नकली पुलिस वाहन और वर्दी का प्रयोग कर फिल्म की शूटिंग कर रहे एक समूह को बांगुर नगर पुलिस ने पकड़ लिया।
इस मामले में पांच व्यक्तियों, अंजलि अनुज छाबड़ा, रितेश कौल, ऋषि सक्सेना, रमेश और मुदस्सिर सरवर शेख के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 205, 223 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, बांगुर नगर थाने में तैनात अधिकारी देवेंद्र थोराट और उनके सहकर्मी प्रशांत बोरकुट रात की ड्यूटी के बाद घर लौट रहे थे। तब उन्होंने अरुणा आसफ अली रोड पर एक इमारत के सामने संदिग्ध सफेद बोलेरो गाड़ी देखी, जिस पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो था। नजदीक जाकर देखने पर पाया कि एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में गाड़ी के बोनट पर खड़ा था और एक कैमरामैन पास खड़ी इनोवा गाड़ी से दृश्य फिल्मा रहा था। शक होने पर पुलिस ने तुरंत पूछताछ शुरू की।
पूछताछ में अंजलि छाबड़ा ने बताया कि वह रितेश कौल की कंपनी ‘रोज़ ऑडियो विजुअल्स’ के लिए कंटेंट क्रिएटर है और वे एक जागरूकता वीडियो बना रहे थे। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास शूटिंग की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी। पुलिस ने पाया कि वर्दीधारी व्यक्ति ऋषि सक्सेना था, इनोवा का चालक रमेश, कैमरामैन रेहान और बोलेरो का चालक मुदस्सिर सरवर शेख था। पूरी टीम को पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया।
पुलिस ने बताया कि बिना अनुमति सार्वजनिक स्थान पर शूटिंग करना और पुलिस की वर्दी और वाहन का दुरुपयोग करना गंभीर अपराध है। मामले की गहन जांच शुरू की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वीडियो का उद्देश्य क्या था और क्या इसके पीछे कोई विशेष एजेंडा था। पुलिस ने चेतावनी दी है कि इस तरह के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।