क्या मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की?

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क्या मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की?

सारांश

मुंबई में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में अवैध जुटान और अशांति के आरोप लगे हैं। पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि आंदोलन के नेता ने अनशन समाप्त कर दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • मराठा आरक्षण आंदोलन में अवैध जुटान के आरोप लगे हैं।
  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
  • मनोज जरांगे ने अनशन समाप्त किया।
  • मुंबई पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की हैं।
  • स्थिति अब सामान्य होने की ओर बढ़ रही है।

मुंबई, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में हुए प्रदर्शन के दौरान अवैध रूप से इकट्ठा होने और अशांति फैलाने के आरोप में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं। पुलिस के अनुसार, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन सहित विभिन्न थानों में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है।

मुंबई पुलिस ने बताया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। अवैध रूप से इकट्ठा होने और हिंसा फैलाने के आरोप में यह कदम उठाया गया है।

पुलिस के अनुसार, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में तीन एफआईआर, एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर और जेजे पुलिस स्टेशन, कोलाबा पुलिस स्टेशन और आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में भी मामले दर्ज किए गए हैं।

गौरतलब है कि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को अपनी ज्यादातर मांगें मान लिए जाने के बाद अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया था। इसके बाद हजारों मराठा कार्यकर्ता मुंबई से अपने गांवों को लौट गए, जिससे अब शहर में स्थिति सामान्य हो रही है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए टिप्पणी की थी। चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर नाराजगी जताई थी।

चीफ जस्टिस ने कहा था, "सड़कों पर जज के चलने की भी जगह नहीं है। हालात सामान्य करें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सड़कों से गाड़ियां हटाई जाएं और भीड़ नियंत्रित की जाए।

इससे पहले, मनोज जरांगे मराठा समाज आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मुंबई में कई जगह जाम की स्थिति देखी गई। इस स्थिति में मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे के प्रदर्शन को अनुमति देने से इनकार करते हुए आजाद मैदान खाली करने का नोटिस भेजा था।

हालांकि, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने मंगलवार को सरकार से मांगें माने जाने के बाद अपना पांच दिन का अनशन समाप्त कर दिया था। उन्होंने जल संसाधन मंत्री और मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल के हाथों नींबू पानी पीकर अनशन तोड़ा था।

Point of View

NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

मराठा आरक्षण आंदोलन का मुख्य कारण क्या है?
मराठा समुदाय के लोग शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
मुंबई पुलिस ने कितनी एफआईआर दर्ज की हैं?
मुंबई पुलिस ने विभिन्न थानों में मिलाकर कई एफआईआर दर्ज की हैं।
मनोज जरांगे ने अनशन कब समाप्त किया?
मनोज जरांगे ने अपनी मांगें मान लिए जाने के बाद मंगलवार को अनशन समाप्त किया।
बॉम्बे हाईकोर्ट का इस मामले में क्या रुख रहा?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर नाराजगी जताई है।
क्या मुंबई में स्थिति सामान्य हो रही है?
हाँ, प्रदर्शनकारियों के गांव लौटने के बाद स्थिति सामान्य हो रही है।