क्या मुंबई में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी हुई? फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

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क्या मुंबई में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी हुई? फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

सारांश

मुंबई की ईओडब्ल्यू ने एक फर्जी आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जिसने 36 युवाओं से करोड़ों की ठगी की। जानिए इस घोटाले की सच्चाई और आरोपी की हरकतें।

Key Takeaways

  • मुंबई में एक फर्जी आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया।
  • आरोपी ने 36 युवाओं से 2.88 करोड़ रुपए ठगे।
  • ठगी के लिए फर्जी भर्तियों का सहारा लिया गया।
  • पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की है।
  • सतर्क रहना आवश्यक है ताकि आप धोखाधड़ी का शिकार न हों।

मुंबई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आईएएस अधिकारी बताता था और अब तक 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से कुल 2.88 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।

आरोपी की पहचान सोलापुर जिले के बार्शी निवासी 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है। वह स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। मुंबई पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले।

सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत केस दर्ज किया गया है।

यह मामला तब उजागर हुआ जब नवी मुंबई निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपए की मांग की गई थी।

नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक रचा और हर उम्मीदवार से करीब 10 लाख रुपए वसूल किए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के जाली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया असली लगे।

कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उन्होंने खुद आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल ही नहीं रही है।

जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने शुरुआत में पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।

जांच में यह भी सामने आया है कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है।

मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।

Point of View

बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि सरकारी नौकरी की चाह में हमें सतर्क रहना चाहिए। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई और सख्त दंड की आवश्यकता है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

इस फर्जीवाड़े में कितने लोग शामिल थे?
अभी तक केवल नीलेश राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस जांच कर रही है कि क्या और लोग भी शामिल थे।
क्या आरोपी ने फर्जी दस्तावेज बनाए थे?
हाँ, आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल जांच के जाली दस्तावेज बनाए थे।