क्या मुंबई पुलिस सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पर ध्यान नहीं देती?
सारांश
Key Takeaways
- लापता बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- सोशल मीडिया पर चल रही जानकारी पर विश्वास न करें।
- मुंबई पुलिस हर लापता बच्चे के मामले को गंभीरता से लेती है।
- लापता बच्चों का पता लगाने के लिए कई टीमें काम कर रही हैं।
- बचपन बचाओ आंदोलन के तहत लापता मामलों को किडनैपिंग के रूप में रजिस्टर किया जाता है।
मुंबई, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई में लापता बच्चों की संख्या में हालिया दिनों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। जून से लेकर दिसंबर तक कुल 145 बच्चे लापता हो गए हैं, जिनमें से 93 लड़कियां शामिल हैं।
विशेष रूप से 1 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच दर्ज 82 मामलों में किशोरों की संख्या सबसे अधिक रही है। यह आंकड़ा सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने लापता बच्चों के मामलों में प्राथमिकता और कार्यप्रणाली को स्पष्ट किया है।
हाल ही में, नागपुर में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस की विधायक ज्योति गायकवाड ने मुंबई में लापता बच्चों का मुद्दा उठाया था। इस पर मुंबई पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर लापता बच्चों के बारे में जो मैसेज चल रहे हैं, वे अधिकांशत: गलत और गुमराह करने वाले हैं। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि वे हर लापता बच्चे के मामले को गंभीरता और सहानुभूति के साथ लेती है।
पुलिस के अनुसार, "बचपन बचाओ आंदोलन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया" मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत, सभी नाबालिगों के लापता मामलों को किडनैपिंग के रूप में रजिस्टर किया जाता है। पिछले पांच सालों में 98 प्रतिशत नाबालिगों को उनके परिवारों से सफलतापूर्वक मिलाया गया है और इस साल भी यह प्रयास जारी है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही गुम हुए बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाया जा रहा है। इसके लिए हमारी कई टीम काम कर रही हैं। बच्चे कैसे गायब हो रहे हैं, इस बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
मुंबई पुलिस ने यह भी बताया कि लापता बच्चों का पता लगाने के लिए क्राइम ब्रांच, लोकल यूनिट और स्पेशल सेल समेत कई टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा, हाल ही में एक चार साल की बच्ची को वाराणसी से बचाया गया था, जो छह महीने पहले मुंबई से लापता हो गई थी।
मुंबई पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे बिना सत्यापित जानकारी पर विश्वास न करें और सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों से बचें। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि उनकी कोशिशें तब तक जारी रहेंगी, जब तक हर लापता बच्चे का पता नहीं चलता। अगर किसी के परिवार से कोई गायब होता है तो वह बिना देरी किए मुंबई पुलिस की सहायता ले सकता है, पुलिस जनता की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहती है।