क्या मुंबई रेलवे पुलिस ने सीएसएमटी पर अवैध धरना को लेकर कार्रवाई की?
सारांश
Key Takeaways
- सीएसएमटी पर अवैध प्रदर्शन के मामले में कार्रवाई हुई।
- प्रदर्शन में 100-200 रेल कर्मचारी शामिल थे।
- रेलवे संचालन में बाधा उत्पन्न हुई।
- दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
- जांच जारी है और अन्य सहयोगियों को भी बुलाया जाएगा।
मुंबई, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर 6 नवंबर को आयोजित किए गए अवैध प्रदर्शन के संदर्भ में कड़ी कार्रवाई की है। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमएस) के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
रेलवे पुलिस ने एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के खिलाफ सीएसएमटी रेलवे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। यह प्रदर्शन मुंब्रा स्टेशन पर हुई दुर्घटना में मारे गए पांच व्यक्तियों के मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की मांग को लेकर किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी, "बिना पूर्व अनुमति के सीएसएमटी परिसर में धरना देना गैरकानूनी है। इससे रेलवे संचालन में बाधा उत्पन्न हुई और यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189(2), 190, 127(2), 221, 223 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37(1), 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का भी उल्लंघन किया गया।"
घटना का आरंभ शाम 4 बजे हुआ, जब सीआरएमएस अध्यक्ष प्रवीण वाजपेयी के नेतृत्व में 100-200 रेल कर्मचारी मिलन हॉल में एकत्र हुए। इसके बाद वे शांतिपूर्वक डीआरएम कार्यालय की ओर मार्च करने लगे। आधिकारिक प्रदर्शन समाप्त होने के बाद शाम 5:30 बजे अचानक एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के नेतृत्व में 30-40 कर्मचारी मोटरमैन लॉबी में घुस आए। उन्होंने लोहे की बेंचों से मोटरमैन, गार्ड और स्टेशन मैनेजर कार्यालय का प्रवेश द्वार अवरुद्ध कर दिया, जिससे कर्मचारी अंदर फंस गए और शाम 5:41 बजे से लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं।
इसके परिणामस्वरूप प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई और वहाँ अफरा-तफरी मच गई। लगभग एक घंटे तक संचालन बाधित रहा। डीआरएम के आश्वासन के बाद शाम 6:38 बजे धरना समाप्त हुआ और सेवाएं धीरे-धीरे बहाल होने लगीं।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, जो रेलवे पुलिस आयुक्तालय के नियमों का उल्लंघन है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि आंदोलन को उकसाने और समर्थन देने वाले अन्य लोग कौन हैं। दोनों आरोपियों को जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।