मुंबई में हुए विस्फोट के आरोपियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया?

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मुंबई में हुए विस्फोट के आरोपियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया?

सारांश

क्या मुंबई में हुए विस्फोटों के आरोपी अब तक काबू में नहीं आए? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकार की नाकामी पर सवाल उठाया है। जानें उनकी बातों का क्या मतलब है और हमारे समाज में इसका क्या असर हो सकता है।

Key Takeaways

  • आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता।
  • सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए गए।
  • हिंदू समाज को एकजुट रहना चाहिए।
  • कबूतरखाने को बंद करने की प्रक्रिया स्पष्ट होनी चाहिए।
  • मालेगांव विस्फोट में दोषियों की पहचान जरूरी है।

मुंबई, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार पर गंभीर आरोपनाकामी का क्या कारण है?

उन्होंने मीडिया के समक्ष बातचीत के दौरान भगवा आतंक के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि आतंकवादी की पहचान उसके रंग से नहीं की जा सकती। आतंकवादी हमेशा आतंकवादी ही होता है। यदि कोई भगवा आतंकवादी है, तो क्या उसकी पूजा की जाएगी? आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता, इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मुंबई बम धमाकों और मालेगांव ब्लास्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देकर आसानी से भाग जाते हैं, और हम दोषियों को नहीं पकड़ पाते। जब दोषियों पर कार्रवाई की बात आती है, तो नाकामी छिपाने के लिए आतंकवाद के रंग की खोज शुरू कर दी जाती है। जब कोई व्यक्ति मरता है, तो उसका फोटो भी ब्लैक एंड व्हाइट कर दिया जाता है, क्योंकि उसमें से रंग समाप्त हो जाता है। फिल्मों में भी फ्लैशबैक दिखाने के लिए काले रंग का उपयोग किया जाता है। आतंकवाद में रंग खोजने वाले वास्तव में आतंकवाद के समर्थक होते हैं।

मुंबई के दादर कबूतरखाने को लेकर उन्होंने कहा कि कबूतर हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यदि उन्हें किसी स्थान से हटाना है, तो कारण और प्रक्रिया स्पष्ट होनी चाहिए। क्या अचानक ऐसा करना उचित है? क्या बिना विचार किए मुंबई महानगरपालिका को इसे बंद कर देना चाहिए? यह बंदी उचित नहीं है, यह परंपरा और भावनाओं से जुड़ा हुआ है।

स्वामी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों की विचारधारा ने देश का बंटवारा किया, आज भी कुछ लोग उसी दिशा में बढ़ रहे हैं। यह समझ से परे है कि जो लोग देश को दो हिस्सों में बांटने के लिए जिम्मेदार थे, उनके विचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिंदू समाज एकजुट रहना चाहता है, लेकिन ऐसी राजनीति से समाज में विभाजन की भावना फैलती है, जो बिल्कुल गलत है।

मालेगांव विस्‍फोट में आरोपियों के बरी होने पर उन्होंने कहा कि कोर्ट में जो भी कार्रवाई हुई है, वह सही ही होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि विस्‍फोट खुद तो हुआ नहीं है। दोषी कोई न कोई तो होगा ही, केंद्र और प्रदेश की सरकार कहां नाकाम हो रही है? इतना समय बीत जाने के बाद भी दोषियों को नहीं पकड़ पाना हमारी काबिलियत पर बड़ा सवाल है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम अपने समाज में हो रहे आतंकवादी हमलों की गंभीरता को समझें। हमें देश में शांति और एकता को बनाए रखने के लिए सभी विचारधाराओं का सम्मान करना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

मुंबई विस्फोट में कितने लोग प्रभावित हुए?
मुंबई विस्फोट में कई लोग प्रभावित हुए, जिसमें निर्दोष नागरिक भी शामिल थे।
भगवा आतंकवाद का क्या मतलब है?
भगवा आतंकवाद का मतलब है कि आतंकवादी की पहचान उसके रंग के आधार पर नहीं की जानी चाहिए।
क्या पुलिस ने सही कार्रवाई की?
जगद्गुरु शंकराचार्य ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
मालेगांव विस्फोट पर क्या हुआ?
मालेगांव विस्फोट में कुछ आरोपियों को बरी किया गया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं।
क्या कबूतरखाने को बंद करना उचित है?
स्वामी ने कहा कि कबूतर हमारे जीवन का हिस्सा हैं, इसलिए इसे बंद करना उचित नहीं है।