क्या मसूरी में बैंकों और स्कूलों को भेजे गए धमकी भरे ईमेल एक राजनीतिक षड्यंत्र हैं?

सारांश
Key Takeaways
- धमकी भरे ईमेल का मामला गंभीर है।
- यह राजनैतिक षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है।
- पुलिस ने साइबर सेल को जांच में लगाया है।
- मसूरी में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठते हैं।
- सामाजिक स्थिरता को बनाए रखना आवश्यक है।
मसूरी, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मसूरी में एक प्रतिष्ठित स्कूल को धर्म परिवर्तन और बंद करने की धमकी देने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। ये धमकी भरे ईमेल स्थानीय भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल के नाम से फर्जी आईडी बनाकर विभिन्न बैंकों और मसूरी के एक प्रतिष्ठित स्कूल को भेजे गए हैं। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली मसूरी ने शिकायत दर्ज कर साइबर सेल को मामला भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार, रजत अग्रवाल के नाम पर पहले ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की लगभग पाँच शाखाओं और बैंक ऑफ बड़ौदा मसूरी शाखा को फर्जी और धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए थे।
इन ईमेलों में बैंक से सभी ऋणधारकों के लोन माफ करने के लिए कहा गया था और ऋण माफ न होने पर बैंक को जलाने तथा कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी दी गई थी। साथ ही पाँच करोड़रिश्वत का गंभीर आरोप भी लगाया गया।
मसूरी के प्रतिष्ठित सेंट जॉर्ज कॉलेज को भी इसी तरह के ईमेल भेजे गए हैं। इन मेल में न केवल धमकीधर्म परिवर्तन जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक राजनैतिक षड्यंत्र हो सकता है। एक सप्ताह में दूसरी बार उनकी फर्जी आईडी बनाकर मसूरी के बैंकों और स्कूलों में भेजा जा रहा है, जिससे वह परेशान हैं।
अग्रवाल ने मसूरी पुलिस और प्रशासन से पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ठोस कार्रवाई कर दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
कोतवाली मसूरी के कोतवाल देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत दर्ज कर ली गई है और पूरे प्रकरण को तकनीकी जांच के लिए साइबर क्राइम सेल को भेजा गया है।
देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पहले भी इसी तरह के मामलों में जांच में पता चला था कि ईमेल विदेश से भेजे जा रहे थे। जल्द से जल्द मामले का खुलासा किया जाएगा।