क्या नागासाकी में परमाणु बम विस्फोट की 80वीं बरसी पर पहला बार एक साथ बजी घंटियां?

सारांश
Key Takeaways
- नागासाकी में परमाणु विस्फोट की 80वीं वर्षगांठ
- शांति का संदेश देने वाली घंटियों का बजना
- परमाणु हथियारों के उन्मूलन की आवश्यकता
- नागासाकी के मेयर का शांति घोषणापत्र
- द्वितीय विश्व युद्ध का अंत
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नागासाकी में परमाणु बम विस्फोट की 80वीं बरसी पर एक मिनट का मौन रखा गया। भारी बारिश के बावजूद, सुबह 11 बजकर 2 मिनट पर मौन का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह वही समय था जब 9 अगस्त, 1945 को 'फैट मैन' गिराया गया था, जिसमें लगभग 74,000 लोग मारे गए थे।
विशेष यह रहा कि जिस विस्फोट में एक चर्च पूरी तरह से नष्ट हो गया था, उसी उराकामी कैथेड्रल की दो घंटियों को 80 वर्षों में पहली बार एक साथ बजा कर दुनिया को शांति का संदेश दिया गया।
इनमें से बड़ी घंटी बमबारी के बाद भी सुरक्षित रही और उसे मलबे से निकाल लिया गया, जबकि दूसरी नई घंटी 'सेंट कटेरी बेल ऑफ होप' को 2025 में जेम्स नोलन जूनियर के नेतृत्व में एक परियोजना के तहत पुनर्स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर जापानी नागरिकों ने गहरी संवेदना के साथ मृतकों को श्रद्धांजलि दी और परमाणु हथियारों के उन्मूलन की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
नागासाकी के मेयर सुजुकी शिरो ने जीवित बचे लोगों, परिवार के सदस्यों और विशिष्ट व्यक्तियों के समक्ष एक वार्षिक शांति घोषणापत्र में कहा, "नागासाकी अंतिम परमाणु बमबारी स्थल बना। अब परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिए एक ठोस कार्ययोजना की आवश्यकता है। अब कोई भी टालमटोल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।"
उन्होंने वैश्विक नेताओं से परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने जापानी सरकार से भी आग्रह किया कि वह परमाणु हथियार अप्रसार के तीन सिद्धांतों और संविधान में निहित शांति के सिद्धांतों को "जल्द से जल्द" लागू करे।
सुजुकी ने यह भी बताया कि कैसे जापान के परमाणु बम से बचे निहोन हिडांक्यो, जिन्हें पिछले वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, ने अन्य नागरिकों को सीमाओं के पार शांति के लिए काम करने की प्रेरणा दी है।
सुबह 11:02 बजे एक क्षण का मौन रखा गया, जब द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में एक अमेरिकी बमवर्षक ने 'फैट मैन' बम गिराया था। हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी के बाद नागासाकी पर भी बम गिराया गया था।
कुछ ही दिनों बाद, 15 अगस्त, 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया।