क्या नागपुर में 250 साल पुराना छोटा श्री जगन्नाथ मंदिर है?
सारांश
Key Takeaways
- नागपुर में 250 साल पुराना श्री जगन्नाथ मंदिर है।
- यहाँ महादेव के साथ भगवान जगन्नाथ की पूजा होती है।
- पुरी की पूजा विधियों का पालन यहाँ होता है।
- कई श्रद्धालु रथ यात्रा में भाग लेते हैं।
- मंदिर में अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है।
नागपुर, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का प्राचीन मंदिर विश्वभर के भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसी प्रकार, नागपुर में भी एक प्राचीन छोटा श्री जगन्नाथ मंदिर है, जिसे पुरी के मंदिर के समान महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा के साथ-साथ महादेव की भी पूजा होती है।
क्वेवता कॉलोनी के निकट स्थित यह 250 साल पुराना श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी के मंदिर की महिमा से कम नहीं है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जो लोग पुरी नहीं जा पाते, वे इस मंदिर में आकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा की प्रतिमाएँ पुरी की प्रतिमाओं के समान हैं, जिनकी बड़ी-बड़ी आँखें भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
मंदिर में पूजा विधि और प्रसाद की प्रक्रिया पुरी की परंपराओं के अनुसार की जाती है। इस साल मंदिर में भगवान की रथ यात्रा भी धूमधाम से मनाई गई, जिसमें नागपुर के कारीगरों ने रथ का निर्माण किया था। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं।
रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को प्रसन्न करने के लिए महाप्रसाद भी तैयार किया जाता है, जिसे श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। मंदिर का निर्माण अधिक पुराना नहीं है, क्योंकि समय-समय पर इसकी मरम्मत होती रही है। मंदिर के परिसर में भगवान गणेश, माँ दुर्गा, और भगवान हनुमान के छोटे-छोटे मंदिर भी स्थापित हैं, लेकिन गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा के साथ भगवान शिव भी विराजमान हैं। यहाँ भक्त एक साथ सृष्टिकर्ता और संहारक के दर्शन करते हैं, जो इसे अन्य मंदिरों से विशिष्ट बनाता है।