क्या चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी को जीएसटी सुधारों के लिए बधाई दी?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में सुधार से कर की दरें कम होंगी।
- मध्यम वर्ग और गरीबों को सीधा लाभ होगा।
- सरल कर प्रणाली से व्यवसाय करना होगा आसान।
- निवेश में वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक विकास होगा।
- प्रधानमंत्री मोदी का 'नागरिक देवो भव:' मंत्र महत्वपूर्ण है।
अमरावती, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नेक्स्ट जेन जीएसटी' के तहत 'जीएसटी बचत उत्सव' की शुरुआत पर बधाई दी है। उन्होंने इस सुधार को एक दूरदर्शी निर्णय करार देते हुए कहा कि इससे भारत के नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
नायडू ने एक आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा, "जीएसटी में सुधार से हमारे नागरिकों, विशेषकर मध्यम वर्ग, गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए जीवन को और अधिक किफायती बनाया जाएगा। सरल टैक्स प्रणाली से लागत में कमी आएगी, व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और अधिक निवेश आकर्षित होगा। प्रधानमंत्री के 'नागरिक देवो भव:' के मार्गदर्शक मंत्र के साथ, यह साहसिक सुधार प्रत्येक भारतीय के वर्तमान और भविष्य के लिए एक उपहार है।"
उन्होंने बताया कि नई जीएसटी व्यवस्था में टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर केवल दो कर दी गई है, जिसमें 5 और 18 प्रतिशत शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब लगभग 99 प्रतिशत आवश्यक वस्तुएं 5 प्रतिशत के निचले टैक्स स्लैब में आ गई हैं, जिससे मध्यम वर्ग, गरीब, किसान, महिलाएं और युवा वर्ग को सीधा फायदा होगा।
नायडू ने कहा कि इस सरल कर प्रणाली से व्यवसाय करना आसान होगा, जिससे नई पूंजी का निवेश बढ़ेगा और देश में व्यापारिक वातावरण में सुधार होगा। इससे 'विकसित भारत' की दिशा में तेजी से कदम बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के 'नागरिक देवो भव:' के मंत्र की प्रशंसा करते हुए नायडू ने कहा कि यह जनभागीदारी आधारित शासन का एक बड़ा संदेश है। उन्होंने पीएम मोदी के आह्वान 'गर्व से कहो, मैं स्वदेशी खरीदता हूं' को एक नई राष्ट्रीय चेतना बताया, जो हर घर को भारतीय उत्पादों पर गर्व करने के लिए प्रेरित करता है।
चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री के आह्वान का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने राज्यों से विकास में समान भागीदार बनने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निर्माण और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना सहकारी संघवाद को मजबूत करता है।
अपने संदेश के अंत में चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वह 'स्वर्ण आंध्र' के निर्माण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और यह संकल्प 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत' की भावना के अनुरूप है।