क्या ममता बनर्जी को बंगाल की सत्ता से धोना पड़ेगा हाथ?
सारांश
Key Takeaways
- नरेंद्र कश्यप ने ममता बनर्जी को आगामी चुनाव में चुनौती दी।
- बंगाल की राजनीतिक स्थिति अजीब है।
- ममता को अपने समर्थन को स्पष्ट करना होगा।
- घुसपैठियों के खिलाफ अमित शाह का संकल्प महत्वपूर्ण है।
- धर्मांतरण पर योगी सरकार का सख्त संदेश।
लखनऊ, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकाल मंदिर का निर्माण करने की घोषणा पर टिप्पणी की। उनका कहना है कि अगली विधानसभा चुनाव में ममता को सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा।
लखनऊ में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कश्यप ने कहा कि बंगाल में स्थिति बहुत अजीब है। एक ओर, ममता की पार्टी के निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद की नींव रखते हैं, जबकि ममता खुद महाकाल मंदिर की नींव रखने की बात करती हैं।
उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वे बाबर के समर्थक हैं या हिंदुओं के। देश की जनता तुष्टीकरण की राजनीति सहन नहीं करेगी। ममता को सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा।
मंत्री कश्यप ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर ऑब्जर्वर पर हमले पर कहा कि टीएमसी सरकार में लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। चाहे वह पंचायत चुनाव हो, आम चुनाव हो या एसआईआर जैसे महत्वपूर्ण मामले हों। बंगाल में जो कुछ हो रहा है, वह कानून और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। ममता को चुनाव आयोग पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घुसपैठियों के बारे में बयान पर कश्यप ने कहा कि यदि शाह ने घुसपैठियों को बाहर करने का संकल्प लिया है, तो वे अवश्य बाहर होंगे।
धर्मांतरण के मुद्दे पर कश्यप ने कहा कि योगी सरकार ने आपराधिक घटनाओं के संबंध में सख्त संदेश दिया है कि धर्मांतरण कराने वाला अपराधी पुलिस से नहीं बच पाएगा।