क्या नेशनल हाईवे का विस्तार 2014 से 60 प्रतिशत बढ़ा? अब 1.46 लाख किमी पहुंचा नेटवर्क
सारांश
Key Takeaways
- भारत का सड़क नेटवर्क अब 1.46 लाख किलोमीटर है।
- नेशनल हाईवे का विस्तार 60 प्रतिशत से अधिक हुआ है।
- भारतमाला परियोजना के तहत सड़क अवसंरचना को मजबूत किया जा रहा है।
- निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएँ बनाई गई हैं।
- सड़क सुरक्षा के लिए कैशलेस इलाज की योजना लागू है।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का सड़क नेटवर्क विश्व में दूसरा सबसे बड़ा है और नेशनल हाईवे इसकी आधारशिला है। इनकी कुल लंबाई अब लगभग एक लाख 46 हजार किलोमीटर हो चुकी है। ये हाईवे देश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़ते हैं। पिछले एक दशक में, सरकार ने इनके विस्तार पर विशेष ध्यान दिया है। 2014 में नेशनल हाईवे की लंबाई 91 हजार 287 किलोमीटर थी, जो अब 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी है।
सरकार भारतमाला परियोजना के माध्यम से नेटवर्क को मजबूत कर रही है, जिसमें पुराने नेशनल हाईवे विकास परियोजनाएँ भी शामिल हैं। उत्तर-पूर्व के लिए विशेष सड़क विकास कार्यक्रम और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण जैसे विजयवाड़ा-रांची कॉरिडोर और विदेशी सहायता वाली परियोजनाएँ भी तेजी से प्रगति कर रही हैं।
हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे और एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर में भारी वृद्धि हुई है। 2014 में ऐसे कॉरिडोर केवल 93 किलोमीटर थे, जो अब बढ़कर लगभग 2,474 से 4,693 किलोमीटर तक पहुँच गए हैं। चार लेन या उससे अधिक लेन वाले हाईवे की लंबाई 2014 के 18 हजार 278 किलोमीटर से बढ़कर अब 45 हजार 947 किलोमीटर हो गई है।
सड़क मंत्रालय निजी निवेश को प्रोत्साहित कर रहा है। नवंबर 2025 तक एसेट मोनेटाइजेशन से एक लाख 52 हजार करोड़ रुपए से अधिक जुटाए गए हैं। निजी भागीदारी के लिए मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट को अपडेट किया गया है, जिसमें बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर और हाइब्रिड एन्युटी मॉडल शामिल हैं। निवेश बढ़ाने के लिए राजमार्ग इनविट लाने की योजना है, जिसे सेबी की मंजूरी मिल चुकी है।
बजट के अनुसार 13 हजार 400 किलोमीटर की पीपीपी परियोजनाएँ शुरू होंगी, जिनकी लागत आठ लाख 30 हजार करोड़ रुपए है। भारतमाला के तहत 46 हजार करोड़ रुपए से 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनेंगे, जो 700 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो संभाल सकेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए हर 40-60 किलोमीटर पर आधुनिक वेसाइड सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। पर्वतमाला परियोजना से पहाड़ी क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क बनेगा।
हाल में प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन किया, जिसकी लागत 2700 करोड़ रुपए से अधिक है। दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड जैसी परियोजनाएँ पूरी हुईं। सड़क सुरक्षा के लिए दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज की योजना लागू है। वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं और राह-वीर योजना में मदद करने वालों को अधिक पुरस्कार मिलेगा। कुल मिलाकर सड़क क्षेत्र में तेज विकास हो रहा है, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।