क्या भारतीय नौसेना समुद्री साइबर हमलों से राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर विचार करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- संगोष्ठी में समुद्री साइबर सुरक्षा पर चर्चा होगी।
- केंद्रीय मंत्री का उद्घाटन सत्र में संबोधन।
- स्वदेशी साइबर सुरक्षा नवाचारों का प्रदर्शन।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास।
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सैन्य बल साइबर खतरों के प्रति सजग रहने और उनसे निपटने के लिए विशेष ध्यान दे रहे हैं। इसी क्रम में, भारतीय नौसेना एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन करने जा रही है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में बढ़ते साइबर खतरों की गहरी समझ विकसित करना है। इसके साथ ही, विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को मजबूत कर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा ढांचे को और भी अधिक सुदृढ़ बनाना भी इस पहल का एक प्रमुख उद्देश्य है।
भारतीय नौसेना के अनुसार, साइबर सुरक्षा पर यह विशेष कार्यक्रम 16 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में होगा। इस अवसर पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री जितिन प्रसाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और उद्घाटन सत्र में संबोधन देंगे।
नौसेना का कहना है कि यह संगोष्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘महासागर’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य एक सुरक्षित और सशक्त साइबरस्पेस को मजबूत करना है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को बल देता है। साइबर सुरक्षा में आत्मनिर्भरता लाने का यह प्रयास स्वदेशी, सुरक्षित-डिजाइन डिजिटल प्रणालियों और मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से किया जा रहा है।
संगोष्ठी में विभिन्न मंत्रालयों एवं संगठनों के विशेषज्ञ पैनल चर्चाओं का संचालन करेंगे। यहां प्रमुख रूप से पोत, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, गेल हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल शामिल हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना सुरक्षा केंद्र, राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन, और निजी क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञ भी अपने विचार साझा करेंगे।
पैनल में साइबर खतरे और साइबर सुरक्षा से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। वैश्विक साइबर खतरे और समुद्री अवसंरचना, नागरिक और सैन्य साझेदारी, समुद्री क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना के रूप में समझना- जैसे विषय शामिल हैं। यह आयोजन समुद्र को लेकर भारत के विजन 2030 और अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप है।
इसमें साइबर सुरक्षा को पोर्ट-आधारित विकास, स्मार्ट लॉजिस्टिक्स, ऑफशोर ऊर्जा सुरक्षा, और महत्वपूर्ण नौसैनिक अभियानों के एक प्रमुख सक्षम तत्व के रूप में परिभाषित किया गया है। यहां संगोष्ठी के साथ-साथ डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के सहयोग से एक तकनीकी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
इस प्रदर्शनी में देशभर के स्टार्ट-अप्स द्वारा विकसित स्वदेशी साइबर सुरक्षा एवं रक्षा प्रौद्योगिकी नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा। नौसेना के मुताबिक, इसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में प्रगति को रेखांकित करना है।