क्या नवीन पटनायक ने बीजद के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई की आलोचना की?

सारांश
Key Takeaways
- पुलिस की कार्रवाई को पटनायक ने पक्षपातपूर्ण बताया।
- बीजद कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे।
- ओडिशा में लोकतांत्रिक अधिकारों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
- सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
- बीजद न्याय की लड़ाई जारी रखेगा।
भुवनेश्वर, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद के प्रमुख नवीन पटनायक ने मंगलवार को भुवनेश्वर में आयोजित एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजू जनता दल (बीजद) कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई की तीव्र आलोचना की। एक सोशल मीडिया पोस्ट में पटनायक ने कहा कि वर्तमान सरकार के शासन में ओडिशा में लोकतांत्रिक विरोध का अधिकार गंभीर खतरे में है।
उन्होंने बताया कि बीजद के नेता और कार्यकर्ता एफएम कॉलेज की एक छात्रा के लिए न्याय की मांग कर रहे थे, जिसकी कथित तौर पर संस्थागत उदासीनता के कारण मृत्यु हो गई थी। पटनायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें कीं और रबर की गोलियां भी चलाईं।
पटनायक ने लिखा कि बीजद ने अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग किया, फिर भी सरकार ने अत्यधिक बल प्रयोग किया। पुलिस की कार्रवाई को स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण बताते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार को इन चौंकाने वाले निर्देशों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हुई हिंसा का स्पष्टीकरण देना चाहिए।
पटनायक ने एक वायरल वीडियो का जिक्र किया, जिसमें एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को प्रदर्शनकारियों की 'टांगें तोड़ने' का निर्देश देते सुना गया था। उन्होंने कहा कि इसी मानसिकता के कारण बीजद कार्यकर्ताओं को असली चोटें आई हैं।
उन्होंने कहा कि आज दो पूर्व मंत्रियों की टांगें तोड़ दी गईं और एक महिला राज्यसभा सांसद पर पुलिस ने बेरहमी से हमला किया। बीजद ने कहा है कि वे एफएम कॉलेज की छात्रा के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने दोहराया कि न तो पानी की बौछारें और न ही रबर की गोलियां उनके संकल्प को तोड़ सकती हैं। कोई भी ताकत न्याय और ओडिशा के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दबा नहीं सकती।