क्या नवरात्रि के 9 दिन, 9 शक्तियां आपके जीवन को बदल सकती हैं?

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क्या नवरात्रि के 9 दिन, 9 शक्तियां आपके जीवन को बदल सकती हैं?

सारांश

क्या नवरात्रि की 9 दिन की पूजा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है? जानिए हर देवी के रूप और उनके जीवन संदेश के बारे में।

Key Takeaways

  • आत्मबल का महत्व
  • प्रेम और ममता की शक्ति
  • साहस और न्याय का संदेश
  • सृजन की ऊर्जा
  • शांति और करुणा

नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागृति, आत्मशुद्धि और शक्ति जागरण का उत्सव भी है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है—हर दिन एक विशेष देवी और एक महत्वपूर्ण जीवन-संदेश लेकर आता है। मार्कण्डेय पुराण, दुर्गा सप्तशती और देवी भागवत पुराण में इन रूपों की महिमा का उल्लेख किया गया है।

पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है, जो आत्मबल तथा स्थिरता का प्रतीक हैं। घोड़े पर सवार पर्वतराज हिमालय की पुत्री के हाथ में त्रिशूल और कमल है। प्रतिपदा यानी नवरात्र का पहला दिन और किसी भी यात्रा की शुरुआत आत्मबल के साथ होती है। यह 9 दिन का पर्व भी एक यात्रा है।

दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का है, जो संयम और साधना की शक्ति मानी जाती हैं। हाथ में जप माला और कमंडल लिए, तपस्विनी स्वरूप मां की आराधना का संदेश धैर्य और अनुशासन है, जो जीवन में धीरज लाता है।

तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का है, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र है और जो दस भुजाओं से संपन्न हैं। साहस और आत्मरक्षा का प्रतीक यह देवी बताती हैं कि जीवन डर से नहीं, हिम्मत से जीना चाहिए।

चौथा दिन, मां कूष्मांडा का है, जो सृजन की देवी हैं। 'कू' का मतलब है छोटा, 'ऊष्मा' का मतलब ऊर्जा, और 'अंडा' का मतलब ब्रह्मांड। यह रूप हमें सिखाता है कि जीवन में नए सृजन के लिए अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए।

पांचवां दिन मां स्कंदमाता का है, जो मातृत्व और करुणा का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से प्यार, ममता और सेवा की शक्ति का महत्व समझ में आता है।

छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है, जो न्याय की देवी हैं। साहस और शक्ति का प्रतीक यह देवी अन्याय के खिलाफ डटे रहने की प्रेरणा देती हैं।

सातवां दिन मां कालरात्रि का है, जो अंधकार में प्रकाश की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करती हैं। मां अज्ञान और डर का नाश करती हैं।

आठवां दिन मां महागौरी का है, जो शांति और सौंदर्य की मूरत हैं। ये शुद्धता, करुणा और आत्मशांति का प्रतीक हैं।

नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है, जो सभी सिद्धियों की दात्री हैं। यह संदेश देती हैं कि जब समर्पण पूर्ण हो, तो सफलता अपने आप आती है।

ये 9 दिन हमें बताते हैं कि हर व्यक्ति के अंदर शक्ति है, बस उसे जागृत करने की आवश्यकता है। हर देवी का रूप, रंग और संदेश हमारे जीवन के किसी न किसी पहलू से जुड़ा है - आत्मबल, प्रेम, साहस, सेवा, न्याय और शांति।

Point of View

बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है जो हमें एकजुट करता है। यह समय है आत्मा के पुनर्निर्माण का और हम सभी को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने का।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

नवरात्रि के दौरान कौन-कौन सी देवी की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के दौरान मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
नवरात्रि का पर्व कब मनाया जाता है?
नवरात्रि का पर्व हर साल चैत मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है और नवमी तक चलता है।