क्या शारदीय नवरात्रि में भी बंद रहता है मां भगवती का ये अनोखा मंदिर, महिलाओं की एंट्री क्यों बैन है?

Click to start listening
क्या शारदीय नवरात्रि में भी बंद रहता है मां भगवती का ये अनोखा मंदिर, महिलाओं की एंट्री क्यों बैन है?

सारांश

नवरात्रि के दौरान शक्ति के प्रतीक मंदिरों में जहां भक्तों की भीड़ होती है, वहीं छत्तीसगढ़ का यह रहस्यमयी मंदिर साल में केवल एक दिन खुलता है। जानिये इस अद्भुत मंदिर के बारे में और इसकी अनोखी मान्यताओं के बारे में।

Key Takeaways

  • मंदिर साल में केवल एक दिन खुलता है।
  • महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
  • यहां कोई मूर्ति या तस्वीर नहीं है।
  • मंदिर में पूजा नारियल अर्पित कर की जाती है।
  • ज्योति बिना तेल-घी के जलती है।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्रि के अवसर पर पूरे देश के शक्तिपीठ और प्राचीन मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है और मां भगवती भक्तों को दर्शन देती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अद्भुत मंदिर है, जो शारदीय नवरात्रि और पूरे वर्ष के अन्य दिनों में भी बंद रहता है। यह मंदिर साल में केवल एक दिन के लिए खुलता है।

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में स्थित निरई माता का यह मंदिर केवल चैत्र नवरात्र के पहले दिन खुलता है और अन्य दिनों में बंद रहता है।

इन शारदीय नवरात्र में भी मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और भक्तों को मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों से चढ़ना पड़ता है। जिस दिन मंदिर के दरवाजे खुलते हैं, उस दिन हजारों भक्त मां के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर केवल 5 से 7 घंटे के लिए ही खुला रहता है।

निरई माता का मंदिर इसलिए भी रहस्यमयी है क्योंकि यहां महिलाओं की एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। महिलाओं को मंदिर के आस-पास भी जाने से मना किया जाता है और वे प्रसाद भी ग्रहण नहीं कर सकतीं। मान्यता है कि यदि कोई महिला मंदिर का प्रसाद ग्रहण करती है, तो उसके परिवार में अनहोनी होने की संभावना रहती है।

मंदिर में कोई मूर्ति या तस्वीर मौजूद नहीं है। श्रद्धालु एक विशेष स्थान पर पूजा करते हैं और मां को नारियल अर्पित करते हैं। लोगों का मानना है कि मंदिर ही मां का निवास स्थान है, इसलिए मूर्ति की आवश्यकता नहीं है।

इतना ही नहीं, चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक मंदिर में ज्योति भी जलती है, जो बिना तेल और घी के होती है। लोग मानते हैं कि मंदिर बंद होने के बाद भी यह ज्योति लगातार नौ दिनों तक जलती रहती है, जो मां निरई का चमत्कार है। यह जानना कि ज्योति कैसे जलती है या इसे कौन जलाता है, आज तक रहस्य बना हुआ है।

मान्यता है कि अगर किसी को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही है, तो वह मां के मंदिर में अर्जी लगा सकता है। पहले यहां बलि प्रथा भी थी, लेकिन अब भक्त नारियल अर्पित कर अपनी इच्छाएं मांगते हैं।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति की विविधता को भी उजागर करता है। महिलाओं के लिए प्रतिबंधित होने के कारण यह मंदिर एक अलग तरह की चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे मंदिरों की जानकारी हमें देश के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करने में मदद करती है।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

निरई माता का मंदिर कब खुलता है?
यह मंदिर केवल चैत्र नवरात्र के पहले दिन खुलता है।
महिलाओं का मंदिर में प्रवेश क्यों वर्जित है?
यहां की मान्यता के अनुसार महिलाओं का मंदिर में प्रवेश करने से अनहोनी होने की संभावना रहती है।
मंदिर में पूजा कैसे होती है?
मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है, श्रद्धालु विशेष स्थान पर पूजा करते हैं और नारियल अर्पित करते हैं।
ज्योति कैसे जलती है यदि मंदिर बंद है?
मान्यता है कि मंदिर बंद होने के बावजूद ज्योति लगातार जलती रहती है।
क्या बलि प्रथा अब भी है?
अब भक्त नारियल अर्पित कर अपनी इच्छाओं को मांगते हैं।