क्या नक्सली हमले में शहीद जवान को सीआरपीएफ मुख्यालय में दी गई अंतिम विदाई?

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क्या नक्सली हमले में शहीद जवान को सीआरपीएफ मुख्यालय में दी गई अंतिम विदाई?

सारांश

रांची में शहीद जवान परनेश्वर कोच को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, राज्यपाल ने कहा शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। जानिए नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • सीआरपीएफ जवान परनेश्वर कोच ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में अपने प्राणों की आहुति दी।
  • राज्यपाल ने कहा कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
  • अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
  • नक्सलवाद के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा।

रांची, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया थाना क्षेत्र स्थित बिरहोरडेरा जंगल में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सीआरपीएफ 209 कोबरा बटालियन के जवान परनेश्वर कोच को रांची में स्थित सीआरपीएफ 133 बटालियन मुख्यालय में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर उनकी शहादत को नमन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जवान परनेश्वर कोच की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान में अद्वितीय साहस दिखाया, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। शहीद के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। ऐसे वीर जवानों की हिम्मत के कारण ही राज्य में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इस श्रद्धांजलि में मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दाडेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, आईजी ऑपरेशन डॉ. माइकल राज एस समेत राज्य के अन्य वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी शहीद जवान को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

सोमवार को, गोमिया थाना क्षेत्र के बिरहोरडेरा जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया।

इस दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला। इस मुठभेड़ में 209 कोबरा बटालियन के सीआरपीएफ जवान परनेश्वर कोच गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने वीरगति प्राप्त की।

परनेश्वर कोच असम के कोकराझार जिले के निवासी थे। सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि परनेश्वर कोच एक साहसी और जिम्मेदार जवान थे, जिन्होंने हर चुनौती का सामना करते हुए अपने कर्तव्य का पालन किया। शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ राज्य में सख्त अभियान जारी रहेगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Point of View

हमारा दृष्टिकोण यह है कि देश के वीर जवानों की शहादत को कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए। परनेश्वर कोच जैसे जवानों ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बलिदान को सम्मान मिले और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में हम आगे बढ़ते रहें।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

परनेश्वर कोच का अंतिम संस्कार कहाँ होगा?
शहीद जवान परनेश्वर कोच का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शहीद की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने का आश्वासन दिया।
सीआरपीएफ की भूमिका क्या थी?
सीआरपीएफ ने नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया था, जिसमें शहीद जवान ने अपनी जान दी।
नक्सलवाद के खिलाफ अभियान कैसे चल रहा है?
राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ सख्त अभियान जारी है और नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परनेश्वर कोच का योगदान क्या था?
परनेश्वर कोच ने नक्सल विरोधी अभियान में अद्वितीय साहस दिखाया और अपने कर्तव्य का पालन किया।