क्या मस्जिद में अखिलेश यादव की बैठक विवाद का कारण बन गई?

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क्या मस्जिद में अखिलेश यादव की बैठक विवाद का कारण बन गई?

सारांश

नई दिल्ली में अखिलेश यादव की मस्जिद में पार्टी सांसदों के साथ बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा है कि वह इस पर पुलिस में शिकायत करेंगे। क्या यह मामला आगे बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • अखिलेश यादव की मस्जिद में बैठक ने विवाद खड़ा किया।
  • भाजपा ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया।
  • जालम सिद्दीकी ने पुलिस में शिकायत करने का निर्णय लिया।
  • धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उपयोग संवेदनशील मुद्दा है।
  • सपा का कहना है कि भाजपा को एकजुटता से समस्या है।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कथित रूप से मस्जिद में पार्टी सांसदों के साथ बैठक करने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जamal सिद्दीकी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह अखिलेश यादव के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने का मन बना चुके हैं।

अखिलेश यादव की इस बैठक पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी निंदा की है और इसे संविधान का उल्लंघन एवं धार्मिक स्थल का दुरुपयोग करार दिया है।

सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने मस्जिद को सपा का अघोषित कार्यालय बना दिया है। उन्होंने इस बैठक को धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया और मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी को उनके पद से हटाने की मांग की।

सिद्दीकी ने कहा है कि वह अखिलेश यादव के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएंगे।

बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि 25 जुलाई को जुमे की नमाज के बाद उसी मस्जिद में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा बैठक आयोजित करेगा, जिसकी शुरुआत राष्ट्रगीत से होगी और समापन राष्ट्रगान से, ताकि धार्मिक स्थलों के राजनीतिक उपयोग के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया जा सके।

सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में अखिलेश यादव पार्टी के सांसदों के साथ हैं, जिनमें उनकी पत्नी डिंपल यादव और सांसद मोहिबुल्लाह नदवी शामिल हैं।

22 जुलाई को नई दिल्ली में संसद के पास एक मस्जिद में यह बैठक हुई।

सिद्दीकी ने मस्जिद में महिलाओं, विशेष रूप से डिंपल यादव की उपस्थिति की आलोचना की, जिसमें दावा किया गया कि पुरुषों और महिलाओं का एक साथ होना इस्लामिक नियमों के खिलाफ है। उन्होंने डिंपल के परिधान (ब्लाउज) को भी अनुचित बताया और कहा कि इस्लाम में शरीर को ढंकना अनिवार्य है।

सिद्दीकी ने सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को मस्जिद के इमाम पद से हटाने की मांग की है और तर्क दिया है कि एक सांसद के रूप में उन्हें इमाम की सैलरी नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार से नदवी को हटाने की मांग की है।

हालांकि, भाजपा के आरोपों पर सपा का कहना है कि भाजपा को एकजुटता से दिक्कत है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि धार्मिक स्थल का राजनीतिक उपयोग एक संवेदनशील मुद्दा है। इस तरह के विवादों से समाज में विभाजन उत्पन्न हो सकता है। सभी राजनीतिक दलों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या अखिलेश यादव ने गलत किया?
इस मुद्दे पर विभिन्न मत हैं। कुछ का मानना है कि धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उपयोग उचित नहीं है, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हैं।
जमाल सिद्दीकी ने क्या आरोप लगाया?
उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने मस्जिद को सपा का अघोषित कार्यालय बना दिया है और इस बैठक को धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया है।