क्या जीएसटी 2.0 के तहत सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा?

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क्या जीएसटी 2.0 के तहत सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा?

सारांश

क्या जीएसटी 2.0 के तहत सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5% और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18% जीएसटी लगेगा? जानिए इस बहस के पीछे की कहानी और नए नियमों का प्रभाव।

Key Takeaways

  • सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लागू होगा।
  • कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18% जीएसटी रहेगा।
  • जीएसटी परिषद ने स्पष्टता प्रदान की है।
  • छोटे विक्रेताओं को राहत मिलेगी।
  • नए नियम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हैं।

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी परिषद ने भारत में पॉपकॉर्न पर कर को लेकर चल रही बहस का समाधान कर दिया है। नई जीएसटी 2.0 व्यवस्था के अनुसार, नमक और मसालों के साथ मिक्स पॉपकॉर्न चाहे खुला बेचा जाए, पहले से पैक हो या लेबल फॉर्म में हो, 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

परिषद ने यह निर्णय लिया है कि इस प्रकार के पॉपकॉर्न स्नैक की आवश्यक गुणधर्म को बनाए रखा जाएगा।

वहीं, कैरेमल पॉपकॉर्न को अलग श्रेणी में रखा गया है। चूंकि यह शुगर कन्फेक्शनरी के अंतर्गत आता है, इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा।

यह स्पष्टीकरण सरकार द्वारा जारी संशोधित जीएसटी दरों की नवीनतम सूची का हिस्सा था।

पॉपकॉर्न पर कर लगाना अब तक एक भ्रामक मामला रहा है। सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर खुला बेचने पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जबकि ब्रांडेड और पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर यह दर बढ़कर 12 प्रतिशत हो जाती थी।

कैरेमल पॉपकॉर्न पर हमेशा 18 प्रतिशत कर लगता था। इस द्विभाजित व्यवहार ने छोटे विक्रेताओं और बड़े मल्टीप्लेक्स दोनों के लिए अनिश्चितता पैदा की।

जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह विवाद जारी है।

शुरुआत में, खुले पॉपकॉर्न पर कर नहीं लगता था, जबकि पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था।

मल्टीप्लेक्स संचालकों का तर्क था कि उनके द्वारा बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न पर पैकेज्ड उत्पाद के बजाय रेस्टोरेंट सेवा के तहत 5 प्रतिशत कर लगाया जाना चाहिए।

2019 तक, जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया कि सिनेमाघरों में बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत कर लगेगा, जबकि ब्रांडेड पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत कर ही लगेगा। हालाँकि, इस विभाजित व्यवस्था ने अधिक भ्रम पैदा किया और कानूनी चुनौतियाँ भी आईं।

2022 में, मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने समान व्यवहार की मांग की थी और कहा कि सिनेमाघरों में बिकने वाला पॉपकॉर्न ताजा तैयार होता है और इसकी तुलना एफएमसीजी उत्पादों से नहीं की जानी चाहिए।

2023 में यह बहस फिर से शुरू हुई जब परिषद ने कर स्लैब को राशनलाइज करने की चर्चा की, खासकर जब सिनेमा के स्नैक्स की कीमतें उपभोक्ताओं में चर्चा का विषय बन गईं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जीएसटी परिषद का यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे देश के छोटे और बड़े व्यापारियों के लिए भी एक नया दिशा प्रदान करता है। इस स्पष्टता से बाजार में स्थिरता आएगी और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित होंगे।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर जीएसटी दर बदल गई है?
हां, नई व्यवस्था के तहत सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
कैरेमल पॉपकॉर्न पर जीएसटी दर कितनी है?
कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।