क्या एनएफआईटीयू ने नए लेबर कोड की सराहना की? दीपक जायसवाल बोले-मजदूरों के जीवन में आएगा बदलाव!
सारांश
Key Takeaways
- नए लेबर कोड से मजदूरों के जीवन में सुधार होगा।
- महिलाओं के लिए समान वेतन का प्रावधान है।
- 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
- ओवरटाइम पर डबल वेतन का प्रावधान।
- लेबर कोड वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने पहले के 29 लेबर कोड को समाप्त करके पूरे देश में 21 नवंबर से चार नई श्रम संहिताएं लागू कर दी हैं। नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (एनएफआईटीयू) के राष्ट्रीय संयोजक दीपक कुमार जायसवाल ने नए लेबर कोड की सराहना की। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि ये नए लेबर कोड मजदूरों के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे।
प्रश्न: क्या आप नए लेबर कोड में समयबद्ध न्यूनतम वेतन की गारंटी को प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक पहल मानते हैं? क्या यह कदम मजदूरों के शोषण को खत्म करने की दिशा में देश में पहला बड़ा बदलाव लाता है?
उत्तर: मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मजदूरों के लिए पास किए गए लेबर कोड की सराहना करता हूं। इससे श्रमिकों को काफी लाभ होगा। हमारी संस्था ने हमेशा इस दिशा में आवाज उठाई है, जबकि पूर्व की सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लेबर कोड से मजदूरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
प्रश्न: महिलाओं के लिए समान वेतन, लैंगिक भेदभाव खत्म करने और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने के प्रावधान से क्या आपको लगता है कि मोदी सरकार के ये सुधार कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाएंगे?
उत्तर: सरकार ने महिलाओं के समान वेतन के लिए नए नियम बनाए हैं। लेबर कोड की मैं सराहना करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं का भी ध्यान रखा है, क्योंकि आज के समय में महिलाओं की संख्या आधी है और वे भी कामकाज के लिए बाहर जाती हैं।
प्रश्न: क्या 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का फैसला प्रधानमंत्री मोदी की उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है जिसमें वे देश के हर श्रमिक की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना चाहते हैं?
उत्तर: लेबर कोड के लागू होने से श्रमिकों को कई लाभ होंगे और उनकी सुरक्षा के लिए ये काफी महत्वपूर्ण हैं। हमारे संगठन में 14 प्रमुख यूनियनों का सामूहिक प्रयास है।
प्रश्न: ओवरटाइम पर डबल वेतन और 40 साल से अधिक उम्र वाले श्रमिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच जैसे प्रावधान, क्या यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि मोदी सरकार श्रमिकों की गरिमा और उनके बेहतर जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है?
उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने जो कार्य किए हैं, हम उनकी सराहना करते हैं। इससे श्रमिकों के जीवन में बदलाव आएगा। कुछ लोग हैं जो संगठनों के खिलाफ हड़ताल करते थे, लेकिन हमें भी सराहना करनी चाहिए।
प्रश्न: नई श्रम संहिताओं को मोदी सरकार ने 'वर्कर जस्टिस और वर्कर डिग्निटी के नए युग' की शुरुआत बताया है। क्या आपको लगता है कि ये सुधार भारत को वैश्विक श्रम मानक के बिल्कुल बराबर और कई मामलों में उनसे आगे ले जाएंगे?
उत्तर: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सहयोग से हम सभी ने लेबर कोड पर चर्चा की। हमारे पास 14 बड़ी यूनियनें और कंपनियां हैं। हम न तो राजनीतिक लोग हैं और न ही राजनीति में शामिल हैं। अगर सरकार गलत करती है तो हम आवाज उठाते हैं, लेकिन सही काम की सराहना भी करनी चाहिए।