क्या एनसीपी (अजित पवार गुट) ने मौलाना मदनी की तारीफ की और मुस्लिमों के साथ ज्यादती की बात कही?
सारांश
Key Takeaways
- मौला मदनी के बयान की सराहना की गई है।
- मुस्लिम समुदाय की समस्याओं पर ध्यान दिया गया।
- जिहाद का सही अर्थ समझाने की कोशिश की गई।
- भेदभाव का रवैया उचित नहीं है।
- फिल्मों में मुसलमानों की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
नई दिल्ली, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र राज्य की सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता सैयद जलालुद्दीन ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के 'जिहाद' पर दिए गए बयान की सराहना की है। एनसीपी (अजित पवार गुट) के अल्पसंख्यक सेल के प्रमुख जलालुद्दीन ने कहा कि मौलाना ने बार-बार समुदाय की भावनाओं और दर्द को उजागर किया है।
महमूद मदनी के 'जिहाद' पर हालिया राजनीतिक विवाद के बीच, जलालुद्दीन ने कहा, "मैं मौलाना के बयान से पूरी तरह सहमत हूं। मौलाना ने बार-बार समुदाय के दर्द को उठाया है और हम उनकी सराहना करते हैं। उन्होंने जो कहा है, वह बिल्कुल सही है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं 'लव जिहाद' की बात नहीं कर रहा हूं। मुझे यह कहना है कि इस देश में हालात ऐसे हो गए हैं कि मुसलमान खुद को मजबूर और परेशान महसूस कर रहे हैं। 'जिहाद' का अर्थ यह नहीं है कि मुसलमान हथियार उठाकर लोगों को मारने लगें। 'जिहाद' का मतलब है जुल्म के खिलाफ आवाज उठाना।"
जलालुद्दीन ने कहा, "हालांकि मैं एनडीए सरकार का हिस्सा हूं, लेकिन मेरा मानना है कि मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है। मुसलमानों के साथ भेदभाव का रवैया अपनाया जा रहा है, जो उचित नहीं है।"
दिल्ली बम धमाके के मामले में हुई गिरफ्तारियों पर जलालुद्दीन ने कहा, "इस मामले में जो भी शामिल है, उसके खिलाफ कानून के अनुसार पूरी और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, लेकिन यदि किसी के साथ केवल प्रताड़ना के लिए कार्रवाई की जाती है, तो इसे उचित नहीं माना जा सकता। इस मामले में निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।"
फिल्म 'धुरंधर' पर जलालुद्दीन ने कहा, "यह दुखद है कि आजकल यह एक ट्रेंड बन गया है। चाहे वह 'द कश्मीर फाइल्स' हो या 'द केरल स्टोरी' जैसी फिल्में, मुसलमानों को गलत तरीके से दर्शाने के इरादे से बनी हैं। मैं इस मानसिकता की कड़ी निंदा करता हूं। हर परिस्थिति में मुसलमानों को गलत तरीके से मत दिखाइए। 'धुरंधर' जैसी फिल्मों से मुसलमानों की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है।"