क्या विधायक रोहित पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है?

Click to start listening
क्या विधायक रोहित पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है?

सारांश

हाल ही में एनसीपी विधायक रोहित पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। क्या यह मामला राजनीतिक विवादों का नया अध्याय है? जानिए इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • रोहित पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
  • पुलिस अधिकारियों के साथ बहस का आरोप है।
  • मामला महाराष्ट्र विधान भवन में झड़प से जुड़ा है।
  • राजनीतिक विवाद और पक्षपात की चर्चा।
  • नितिन देशमुख के समर्थकों की गिरफ्तारी पर विवाद।

मुंबई, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार के खिलाफ आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक नितिन देशमुख की गिरफ्तारी पर रोहित पवार ने आपत्ति जताई थी। आरोप है कि इस गिरफ्तारी को लेकर उनकी पुलिस अधिकारियों के साथ बहस हो गई थी।

पवार के इस व्यवहार को सरकारी कार्य में बाधा डालने की कोशिश मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है।

वास्तव में, महाराष्ट्र विधान भवन में 17 जुलाई को हुई झड़प के दौरान भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों ने नितिन देशमुख पर हमला किया था। इस घटना के विरोध में जितेंद्र आव्हाड ने विधान भवन परिसर में प्रदर्शन किया और पुलिस वाहन को रोककर नितिन देशमुख की रिहाई की मांग की, साथ ही पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया।

इसके अलावा, रोहित पवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस अधिकारी ने उन्हें सही जानकारी नहीं दी और ऊंची आवाज में बात की, जिससे बहस हुई।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में रोहित पवार को पुलिस अधिकारी से ऊंची आवाज में कहते हुए देखा गया, "अपनी आवाज मत उठाओ, अगर तुम बोलने में सक्षम नहीं हो तो मत बोलो।"

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आव्हाड और पवार पूछताछ के लिए थाने आए थे। बाद में दोनों ने सरकारी जे.जे. अस्पताल जाकर नितिन देशमुख से मुलाकात की। आव्हाड और पवार ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई कानून के अनुसार हुई है। यह मामला विधान भवन में हुई झड़प और उसके बाद के प्रदर्शन से जुड़ा है।

रोहित पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायक अपने साथ 4-5 गुंडों को लेकर विधान भवन में आए थे। उन लोगों ने जितेंद्र आव्हाड को निशाना बनाकर हमला करने की कोशिश की। यह सुनियोजित था, उन्हें पहले से ही मैसेज के जरिए धमकी दी जा चुकी थी। नितिन देशमुख और आव्हाड के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर उन्हें बचाया।

Point of View

यह घटना राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है। यह दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक संघर्ष और पुलिस कार्रवाई के बीच का संतुलन बिगड़ सकता है। हमें इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इसके परिणामों पर नजर रखनी चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

एफआईआर दर्ज होने का कारण क्या है?
एफआईआर का कारण रोहित पवार और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस है, जो नितिन देशमुख की गिरफ्तारी के संदर्भ में हुई थी।
क्या यह मामला राजनीतिक है?
हाँ, यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ा हुआ है और राजनीतिक विरोधाभास को दर्शाता है।
रोहित पवार ने क्या आरोप लगाए हैं?
रोहित पवार ने आरोप लगाया है कि भाजपा के विधायकों ने सुनियोजित तरीके से हमला किया था।