क्या लखनऊ में कोडीन कफ सिरप की अवैध बिक्री के मामले में फार्मा मालिक पर एफआईआर दर्ज हुई?

सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ में कोडीन कफ सिरप की अवैध बिक्री का मामला
- फार्मा मालिक पर एफआईआर दर्ज
- फर्जी बिलिंग के जरिए नशेड़ियों को सप्लाई
- जांच जारी, आगे और खुलासे संभव
- नशे के कारोबार पर नकेल कसने का प्रयास
लखनऊ, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोडीन कफ सिरप की अवैध बिक्री और फर्जी बिलिंग का एक बड़ा मामला सामने आया है। ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्य ने अमीनाबाद कोतवाली में श्री श्याम फार्मा के मालिक विशाल चौरसिया के खिलाफ रविवार रात को मुकदमा दर्ज कराया है।
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने लगभग एक सप्ताह पहले श्री श्याम फार्मा पर छापा मारा था। फर्म से जब्त किए गए रिकॉर्ड के आधार पर एफएसडीए अधिकारियों ने जांच शुरू की, जिसमें अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ।
जांच के दौरान, सुल्तानपुर के एक मेडिकल स्टोर संचालक से पूछताछ में इस मामले का पूरा खुलासा हुआ कि अमीनाबाद स्थित इस फर्म के मालिक विशाल चौरसिया ने गलत तरीके से बिल बनाकर उन्हें कोडीन सिरप की आपूर्ति दिखाई थी, जबकि दुकानदार को सिरप बेचा ही नहीं गया था।
अधिकारियों के अनुसार, यह फर्जी बिलिंग का खेल इसलिए किया जा रहा था ताकि श्री श्याम फार्मा की ओर से नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले इस कोडीन सिरप को गलत तरीके से नशेड़ियों को बेचा जा सके।
ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्य की तहरीर पर अमीनाबाद कोतवाली में विशाल चौरसिया के खिलाफ रविवार रात भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
इस कार्रवाई से दवा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। एफएसडीए की जांच में आगे और खुलासे होने की संभावना है, जिससे कोडीन सिरप की अवैध आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े अन्य लोगों पर भी गाज गिर सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि यह मामला प्रदेश में नशे के कारोबार पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जहां भी इस सिरप की बिक्री हो रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विशाल चौरसिया सहित कई लोगों से पूछताछ के बाद कई खुलासे हो सकते हैं। मामले की जांच अभी जारी है, कहां और कैसे इन दवाओं को सप्लाई किया जाता था। जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाएंगे, किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।