क्या नेहा धूपिया ने कहा कि बच्चों को दूध पिलाने में शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए?

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क्या नेहा धूपिया ने कहा कि बच्चों को दूध पिलाने में शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए?

सारांश

ब्रेस्टफीडिंग वीक के अवसर पर, नेहा धूपिया ने महिलाओं के अधिकारों और ब्रेस्टफीडिंग पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि माँ बनने के सफर में शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए। जानिए इस पहल के पीछे की प्रेरणा और महत्व।

Key Takeaways

  • स्तनपान में शर्मिंदगी को दूर करना आवश्यक है।
  • महिलाओं को अपने अनुभव साझा करने चाहिए।
  • फ्रीडम टू फीड एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • समाज को स्तनपान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
  • मातृत्व का सम्मान करना आवश्यक है।

मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इस समय ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जा रहा है। इस अवसर पर 'फ्रीडम टू फीड' से जुड़ी अभिनेत्री एवं मातृ अधिकारों की समर्थक नेहा धूपिया ने ब्रेस्टफीडिंग और महिलाओं के अधिकारों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी भी महिला को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए शर्मिदगी नहीं झेलनी चाहिए।

नेहा 'फ्रीडम टू फीड' का हिस्सा हैं, जो 2019 में आरंभ हुआ था। इस पहल की थीम मातृत्व के व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करना और बिना किसी संकोच, शर्म या आलोचना के सार्वजनिक स्तनपान को सामान्य बनाना है।

इस अभियान को फिर से शुरू करने के बारे में बात करते हुए नेहा ने कहा, "जब मैंने पहली बार 'फ्रीडम टू फीड' की शुरुआत की थी, तो यह मेरे निजी अनुभव से प्रेरित था, जब मैं असुरक्षित, आलोचना का सामना कर रही थी, जो कि मेरे जीवन का सबसे स्वाभाविक और मजबूत समय होना चाहिए था।"

उन्होंने आगे कहा, "पिछले कुछ वर्षों में मुझे यह एहसास हुआ है कि कितनी महिलाएं ऐसी ही भावनाओं का सामना कर रही हैं। मेरा मानना है कि जब हम अपनी कहानियां साझा करते हैं, तो यह एक प्रभावशाली कदम हो सकता है। इस साल मैं इस वार्ता को और भी मजबूत बनाना चाहती हूं। क्योंकि किसी भी महिला को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए शर्मिंदा नहीं होना चाहिए।"

यह गरिमा और सम्मान का मामला है, और अब समय आ गया है कि हम सब इसके लिए खड़े हों।

नेहा धूपिया की पहल 'फ्रीडम टू फीड' एक 'पेरेंटिंग पहल' है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक रूप से स्तनपान को सामान्य बनाना है।

2018 में, नेहा ने पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान बिशन सिंह बेदी के बेटे, अभिनेता अंगद बेदी से गुरुद्वारे में विवाह किया। उसी वर्ष नवंबर में उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने मेहर धूपिया बेदी रखा है। उनका एक बेटा भी है।

काम के मोर्चे पर, नेहा ने 2019 में आई फिल्म 'बैड न्यूज' में अभिनय किया था, जिसमें उनके साथ तृप्ति डिमरी, विक्की कौशल, और एमी विर्क प्रमुख भूमिकाओं में थे।

Point of View

बल्कि समाज में स्तनपान के प्रति असामान्य नजरियों को चुनौती भी देता है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए सजग रहना चाहिए और समाज को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

फ्रीडम टू फीड क्या है?
यह एक पहल है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक रूप से स्तनपान को सामान्य बनाना है।
नेहा धूपिया ने इस पहल की शुरुआत कब की थी?
नेहा ने 'फ्रीडम टू फीड' की शुरुआत 2019 में की थी।
क्या स्तनपान के दौरान महिलाएं शर्मिंदा महसूस करती हैं?
हां, कई महिलाएं इस दौरान शर्मिंदगी का अनुभव करती हैं, जिसे कम करने के लिए यह पहल की गई है।
इस पहल का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य मातृत्व के अनुभव को साझा करना और बिना संकोच के स्तनपान को सामान्य बनाना है।
नेहा धूपिया का व्यक्तिगत अनुभव क्या है?
नेहा ने बताया कि उन्होंने खुद भी स्तनपान के दौरान असुरक्षित महसूस किया था।