क्या नेपाल में हिमस्खलन से तीन लोगों की मौत हुई?
                                सारांश
Key Takeaways
- दोलखा में हिमस्खलन की घटना से तीन लोगों की मौत हुई।
 - स्थानीय अधिकारियों ने बचाव कार्य शुरू करने का प्रयास किया।
 - मौसम ने बचाव कार्य में बाधा डाली है।
 - यह घटना पर्वतारोहियों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कारण है।
 - हिमालय की चढ़ाई से पहले उचित तैयारी और मौसम की जानकारी जरूरी है।
 
काठमांडू, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर-पूर्वी नेपाल के दोलखा जिले में हिमालय की चोटी यालुंग री पर्वत पर हुआ हिमस्खलन कम से कम तीन पर्वतारोहियों की जान ले गया, जिसमें दो नेपाली नागरिक और एक विदेशी शामिल हैं।
यह दुखद घटना सोमवार सुबह 5,630 मीटर ऊंचे पर्वत के आधार शिविर से लगभग डेढ़ घंटे की दूरी पर हुई।
मृतक 12 पर्वतारोहियों के समूह का हिस्सा थे, जो आधार शिविर से शिखर पर चढ़ाई कर रहे थे।
दोलखा पुलिस प्रमुख और पुलिस उपाधीक्षक ज्ञान कुमार महतो ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि इसी अभियान दल के कुछ पोर्टरों ने पुष्टि की है कि इस घटना में दो नेपाली और एक विदेशी की मृत्यु हुई।
चार विदेशी इस हिमस्खलन में दबे हुए हैं, और पांच अन्य सुरक्षित रूप से आधार शिविर लौट आए हैं।
पुलिस ने कहा कि क्षेत्र की दुर्गमता और प्रतिकूल मौसम के कारण वे अभी तक घटनास्थल तक नहीं पहुंच सके हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, एक हेलीकॉप्टर को बचाव के लिए तैनात किया गया था, लेकिन खराब मौसम के चलते अभियान शुरू नहीं हो सका।
इस हिमस्खलन की घटना गौरीशंकर ग्रामीण नगर पालिका-9 के अंतर्गत गौरीशंकर और रोलवालिंग पर्वत श्रृंखलाओं के निकट घटित हुई।
अधिकारियों का कहना है कि लगातार खराब मौसम के कारण घायलों को हवाई मार्ग से निकालने और लापता लोगों की खोज करने के लिए बचाव अभियान अभी तक नहीं चलाया जा सका।
महतो ने जानकारी दी कि मंगलवार सुबह बचाव अभियान की योजना बनाई गई है।
दोलखा के मुख्य जिला अधिकारी नारायण प्रसाद रिसाल ने कहा कि लापता पर्वतारोहियों की वास्तविक स्थिति मंगलवार को स्पष्ट होगी, जब बचाव दल और सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर पहुंचेंगे।
नेपाल पुलिस, नेपाल सेना, और सशस्त्र पुलिस बल के सुरक्षाकर्मी भी जमीनी रास्ते से घटनास्थल की ओर बढ़ रहे हैं।