क्या नेपाल में आंदोलन के बीच जेल से भागे कैदी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं?

सारांश
Key Takeaways
- नेपाल में जेल से भागे कैदी भारत के लिए खतरा बन सकते हैं।
- सुरक्षा बलों की कोशिश है कि स्थिति नियंत्रण में रहे।
- भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं।
- युवाओं का विरोध प्रदर्शन भ्रष्टाचार के खिलाफ भी है।
- सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में उत्पन्न अराजकता के चलते कई कैदी जेल से भाग चुके हैं। इनमें से पाँच कैदियों को पकड़कर उनसे पूछताछ की जा रही है। मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल ने सिद्धार्थनगर से इन कैदियों को पकड़ा था। नेपाल के सुरक्षाबल इन सभी कैदियों की पहचान करने में लगे हुए हैं।
यह जानकारी मिल रही है कि नेपाल के ये सभी कैदी भारत की सुरक्षा व्यवस्था में खलल डाल सकते हैं। इस स्थिति में इन सभी कैदियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया गया है।
नेपाल की सुरक्षा एजेंसियाँ उन सभी कैदियों की पहचान करने में जुटी हैं जो वहां की जेलों से भाग चुके हैं। दोनों देशों के सुरक्षा बल भागे कैदियों को पकड़ने के प्रयास में हैं और यह सुनिश्चित करना चाह रहे हैं कि किसी भी कीमत पर स्थिति अप्रिय न हो। दोनों ही देशों के सुरक्षा बल सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने में लगे हैं।
इससे पहले, चार सितंबर को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया था। इसके विरोध में नेपाल के युवा सड़क पर उतर आए और सरकार के इस फैसले का विरोध किया। साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि यह प्रदर्शन न केवल सोशल मीडिया बैन के खिलाफ, बल्कि सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ भी है।
नेपाल के युवा स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक सरकार भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो जाती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। युवाओं के बढ़ते विरोध के कारण नेपाल के प्रधानमंत्री सहित कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है, लेकिन युवाओं का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है।
नेपाल की अराजक स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने भी एक बयान जारी किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, खासकर उन नागरिकों पर जो वर्तमान में नेपाल में हैं।
इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जिनका पालन करने के लिए नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों को कहा गया है। भारत सरकार ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वे हर स्थिति में उनके साथ हैं।