क्या रामलिंगम हत्याकांड में एनआईए ने जिन्ना को गिरफ्तार कर लिया?
सारांश
Key Takeaways
- रामलिंगम हत्याकांड में एनआईए ने सफलता प्राप्त की।
- जिन्ना की गिरफ्तारी से न्याय की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
- इस मामले में सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
- तमिलनाडु पुलिस की मदद से जांच में प्रगति हुई है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रामलिंगम हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। एनआईए ने 6 फरार आरोपियों में से अंतिम आरोपी को भी पकड़ लिया है और एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है जो आरोपियों को शरण दे रहा था।
तमिलनाडु के तंजावुर जिले का निवासी मोहम्मद अली जिन्ना इस मामले का सबसे प्रमुख फरार आरोपी था। हत्या के बाद से वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया था और उसकी गिरफ्तारी पर 5 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
मंगलवार को, एनआईए ने तमिलनाडु पुलिस की एटीएस यूनिट से मिली जानकारी के आधार पर जिन्ना को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही, असमत नामक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया, जिसने पिछले कई वर्षों से आरोपियों को शरण दी थी।
यह घटना 5 फरवरी 2019 की है, जब तंजावुर में रामलिंगम की हत्या की गई थी। वह पाट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के नेता थे और उनकी हत्या पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों द्वारा की गई थी।
एनआईए की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पीएफआई और जिन्ना ने इस हत्या की योजना बनाई थी और आरोपियों की गतिविधियों पर नज़र रखी थी। आरोप है कि पीएफआई के सदस्यों ने उनकी हत्या इसलिए की, क्योंकि उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध किया।
एनआईए ने 7 मार्च 2019 को तिरुविदैमरुथुर पुलिस से यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। अगस्त 2019 में चार्जशीट दायर की गई, और तब से एजेंसी हत्या के पीछे की पूरी साजिश की जांच कर रही है। इससे पहले, 11 दिसंबर को एनआईए ने इस मामले में दो और फरार आरोपियों और उन्हें शरण देने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
एनआईए की निरंतर मेहनत और तमिलनाडु पुलिस की सहायता से अब यह मामला अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है। मामले के सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद अली जिन्ना से पूछताछ जारी है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।