क्या राम मंदिर न्यायपालिका की देन है और मस्जिद की जमीन भी कोर्ट ने दी?
सारांश
Key Takeaways
- राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर न्यायपालिका की भूमिका अहम है।
- लालू परिवार का संपत्ति विवाद भी चर्चा का विषय है।
- नीरज कुमार के बयान से बिहार की राजनीति में गर्मी बढ़ी है।
- ममता बनर्जी के एसआईआर बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।
पटना, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला किया। बाबरी मस्जिद से लेकर राम मंदिर, लालू परिवार की संपत्ति और ममता बनर्जी के एसआईआर बयान तक, नीरज कुमार के तीखे शब्दों ने बिहार की राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है।
बाबरी मस्जिद विवाद पर नीरज कुमार ने कहा कि अदालत ने सभी बड़े राजनीतिक दलों को स्पष्ट दिशा दी थी कि यह विवाद या तो न्यायिक प्रक्रिया या सामाजिक संवाद से ही सुलझेगा।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से कहा, "आज एक भव्य राम मंदिर बन चुका है और उसी न्यायपालिका के आदेश से कुछ किलोमीटर दूर बाबरी मस्जिद के लिए ज़मीन भी आवंटित कर दी गई है।"
नीरज कुमार ने लालू परिवार पर सीधा हमला बोलते हुए परिवारवाद का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के पास पटना में 43 बीघा, 12 कट्ठा और 16 धूर की संपत्ति है और महुआ बाघ में शानदार मकान भी है। जहां मन करे रहें, चाहें तो फार्महाउस बनवा लें। जगह बदलने से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। अपने ही बने शानदार घर में रहते हुए सुकून मिलेगा। जल्दी से महुआ बाघ वाले मकान में गृह प्रवेश कर लें।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एसआईआर को लेकर दिए गए बयान पर भी नीरज कुमार ने पलटवार किया।
उन्होंने सवाल किया, "ममता दीदी संविधान को हिला नहीं सकतीं। फिर आखिर उन्हें परेशानी क्यों है? क्या एसआईआर पहली बार हो रहा है? इससे इतनी घबराहट क्यों?"
नीरज कुमार ने कहा कि राहुल गांधी ने बिहार में एसआईआर को मुद्दा बनाकर काफी शोर मचाया था, लेकिन जनता ने चुनाव में उसका जवाब दे दिया।
उन्होंने कहा कि एसआईआर तो मुद्दा है ही नहीं। इसे बेवजह राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है।