क्या गिद्धों जैसा व्यवहार बंद होगा? निकितिन धीर ने मीडिया की बेरुखी पर जताई नाराजगी
सारांश
Key Takeaways
- निकितिन धीर ने मीडिया की अमानवीयता पर कड़ी निंदा की।
- पपराज़ी द्वारा संवेदनशीलता की कमी पर चिंता जताई।
- दुख की घड़ी में प्राइवेसी का सम्मान करना जरूरी है।
- समाज में मानवता की कमी का मुद्दा उठाया।
- सोशल मीडिया पर सही जानकारी फैलाने की अपील की।
मुंबई, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिवंगत अभिनेता पंकज धीर के पुत्र और अभिनेता निकितिन धीर ने सोशल मीडिया पर मीडिया के अमानवीय व्यवहार की कड़ी आलोचना की।
अभिनेता ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में उल्लेख किया कि हाल ही में अपने पिता को खोने के पश्चात उन्होंने देखा कि कुछ पपराज़ी मानवता को कितनी सरलता से भूल जाते हैं।
निकितिन ने कहा, “मैंने अपने दिल का एक टुकड़ा खोया और देखा कि तथाकथित पपराज़ी कितने घिनौने हो सकते हैं। ऐसा लगता है कि आप इंसानों से घिरे नहीं हैं, बल्कि गिद्धों से घिरे हुए हैं।”
उन्होंने हाल के दो उदाहरण भी पेश किए, पहला, जब अभिनेता जितेंद्र को उनकी कमजोर हालत में भी बेरहमी से फिल्माया गया और उनके दर्द का मजाक उड़ाया गया। दूसरा, इस समय जब धर्मेंद्र बीमार हैं, कुछ लोग उनके घर के बाहर कैमरे लेकर तमाशा कर रहे हैं।
निकितिन ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा, “ऐसे समय में भी लाइक्स और व्यूज के लिए लोगों का तमाशा बनाना बेहद दुखद है। क्या हमारे समाज में बस यही रह गया है? मानवता का ऐसा अंत देखकर दिल टूटता है।”
उन्होंने पपराज़ी और सोशल मीडिया यूजर्स से अपील की कि दूसरों के दर्द को समझें और असंवेदनशीलता बंद करें। उन्होंने निराशा भी जताई, “मुझे पूरा यकीन है कि मेरे इन शब्दों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन कोई चुपचाप ये बकवास होते भी नहीं देख सकता।”
निकितिन के अलावा, राकेश बेदी समेत अन्य एक्टर्स ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि एक्टर्स हों या आम लोग, दुख की घड़ी में प्राइवेसी का सम्मान करना हर इंसान का फर्ज है।
इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने धर्मेंद्र का उल्लेख करते हुए लोगों से अपील की कि बिना पुष्टि के कोई खबर न फैलाएं, खासकर जब बात किसी की निजी जिंदगी और स्वास्थ्य की हो।