क्या नीतीश के सुशासन में न फंसाया जाता है न छोड़ा जाता है, कानून अपना काम करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का सुशासन कानून पर आधारित है।
- अनंत कुमार सिंह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
- कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।
- प्रधानमंत्री मोदी का बिहार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है।
- बिहार की राजनीतिक स्थिति में बदलाव आ रहा है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के संदर्भ में, मोकामा के जदयू उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह की गिरफ्तारी पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सुशासन में न फंसाया जाता है और न छोड़ा जाता है, कानून अपना काम करेगा और कर भी रहा है।
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान, उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि यही नीतीश कुमार का बिहार का सुशासन है। न किसी को गलत तरीके से फंसाया जाता है और न ही किसी को बख्शा जाता है। कानून अपना काम करता है और कर रहा है।
अनंत कुमार सिंह की गिरफ्तारी पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि यह साबित करता है कि बिहार में कानून का राज कायम है। चाहे कोई भी जाति या राजनीतिक दल हो, अगर कोई अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई करता है, जबकि राजद के शासनकाल में ऐसा नहीं होता था।
प्रधानमंत्री मोदी के बिहार दौरे पर, मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का बिहार के प्रति एक अलग दृष्टिकोण है, खासकर उनकी पूर्वोदय अवधारणा के लिए। बिहार पूर्वोदय का अभिन्न अंग है और बिहार के विकास के बिना पूर्वोदय का विकास असंभव है। वह पहले भी कई बार आ चुके हैं और हमेशा नई सौगातें तथा नई पहल लेकर आए हैं। इस बार भी वह डबल इंजन वाली सरकार बनाने का संदेश देने आ रहे हैं।
मोकामा से जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह को जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले हुई है, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
अनंत सिंह का विवादों से लंबा नाता रहा है। उन पर पिछले कई वर्षों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। मतदान से ठीक पहले उनकी गिरफ्तारी ने मोकामा में पहले से चल रहे राजनीतिक मुकाबले में एक नया मोड़ ला दिया है। यह निर्वाचन क्षेत्र लंबे समय से राजनीतिक बाहुबल और गुटीय प्रतिद्वंद्विता से जुड़ा रहा है।