क्या नोएडा में साइबर ठगों ने महिला अधिवक्ता से डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर 3.29 करोड़ की ठगी की?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
- पढ़े-लिखे लोगों को भी ठगों का शिकार बनाया जा रहा है।
- सतर्क रहना और जानकारी को साझा करने से बचना जरूरी है।
नोएडा, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। साइबर ठगों की ठगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और अब ये साइबर अपराधी पढ़े-लिखे और समझदार लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर शिकार बना रहे हैं। हाल ही में, नोएडा के सेक्टर 47 में रहने वाली 72 वर्षीय महिला अधिवक्ता के साथ यह घटना घटी।
इन ठगों ने उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी के जाल में फंसाकर कुल 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये की ठगी की। पीड़िता ने इस मामले में साइबर क्राइम थाना, सेक्टर-36 में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना की जानकारी के अनुसार, पीड़िता को 10 जून 2025 को एक लैंडलाइन नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके चार फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका उपयोग हथियारों की तस्करी, ब्लैकमेलिंग और गैंबलिंग जैसे अपराधों में किया गया है।
पीड़िता को बताया गया कि उन्हें इस मामले में क्लीन चिट पाने के लिए एक नंबर पर संपर्क करना होगा। जब उन्होंने उस नंबर पर कॉल किया, तो उन्हें डराया गया कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और गिरफ्तारी हो सकती है। इसके बाद, उन्हें व्हाट्सएप कॉल और एक फर्जी पुलिस स्टेशन से संपर्क किया गया। एक आरोपी ने खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रवीण सूद बताया। पीड़िता को एक डिजिटल गिरफ्तारी वारंट भी भेजा गया और बताया गया कि वे एक गंभीर अपराध में शामिल हैं। डर के मारे उन्होंने किसी से बात नहीं की और ठगों के कहने पर अपना फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाकर दो खातों में राशि ट्रांसफर कर दी।
पीड़िता ने 16 जून से 24 जून 2025 के बीच केनरा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक खातों से कुल 5 बार आरटीजीएस के जरिए विभिन्न खातों में राशि ट्रांसफर की। इनमें 63 लाख राजस्थान के वीपुल नगर, गोविंदगढ़ स्थित एक खाते में, 71 लाख कनारा बैंक खाते में, 93 लाख एमपी ग्लोबल और सिंग ट्रेडर्स के खातों में 87 लाख और 15.70 लाख आईसीआईसीआई बैंक खाते से आइस्वाल एंटरप्राइज और टीआर मोहन कुमार के खातों में भेजे गए हैं।
पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता ने दो व्यक्तियों - शिवा प्रसाद और प्रदीप सावंत के नाम बताए हैं। साथ ही एक व्यक्ति ने खुद को प्रवीण सूद बताकर उनसे संपर्क किया था। इन सभी ने पीड़िता से तथ्यों को छुपाकर ठगी की। पुलिस उस ठगी में जिन बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ है, उनकी जांच कर रही है।