क्या नोएडा में बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ? अवैध ओटीटी स्ट्रीमिंग कॉल सेंटर से 6 गिरफ्तार

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क्या नोएडा में बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ? अवैध ओटीटी स्ट्रीमिंग कॉल सेंटर से 6 गिरफ्तार

सारांश

नोएडा में एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसने अवैध ओटीटी स्ट्रीमिंग कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को ठगने का काम किया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की संख्या चौंकाने वाली है। जानें इस कार्रवाई के पीछे की कहानी और पुलिस की सलाह।

Key Takeaways

  • अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया है।
  • गिरोह ने ओटीटी प्लेटफॉर्म का कंटेंट चोरी किया।
  • पुलिस ने छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
  • साइबर सुरक्षा के लिए आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
  • संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधियों से बचें।

नोएडा, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने साइबर अपराध पर लगातार प्रभावी कार्रवाई करते हुए थाना फेस-1 नोएडा और सर्विलांस टीम के सहयोग से एक बड़े अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। यह कॉल सेंटर भारतीय, पाकिस्तानी और अन्य देशों के प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेंट को चोरी कर विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से लाइव स्ट्रीमिंग प्रदान कर रहा था।

पुलिस ने मौके पर छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, यह कॉल सेंटर सेक्टर-2 नोएडा में लंबे समय से सक्रिय था। अभियुक्त अपने निजी सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ओटीटी प्लेटफॉर्म का कंटेंट कैप्चर कर उसे वैध सब्सक्रिप्शन की तरह ग्राहकों को बेचते थे। ये लोग बेबीज सर्विसेज एलएलसी नाम की एक फर्जी कंपनी के माध्यम से विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को 100 से 300 डॉलर तक का कथित सब्सक्रिप्शन बेचते थे।

कुछ समय बाद सब्सक्रिप्शन बंद कर, रिनुअल के नाम पर बार-बार पैसे मांगते थे, जिससे पीड़ितों से लाखों रुपए की ठगी की जाती थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तनिष्का, अनिल बघेल, मनीष त्रिपाठी, गौरव, राधा बल्लभ और योगेश बघेल के रूप में हुई है। इनके कब्जे से 20 मोबाइल फोन, 5 सीपीयू, 5 मॉनिटर, 1 लैपटॉप, 6 कीबोर्ड, 6 माउस, 6 हेडफोन, 1 आईपीटीवी बॉक्स, 2 एयरटेल फाइबर राउटर और 3 मोहरे बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने बताया कि यह गिरोह सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देकर विदेशों में रहने वाले लोगों को निशाना बनाता था। ये लोग अवैध तरीके से इंडियन और इंटरनेशनल ओटीटी चैनलों की स्ट्रीमिंग उपलब्ध कराने का लालच देकर ग्राहकों को जाल में फंसा लेते थे।

थाना फेस-1 में इस संबंध में कई धाराओं के साथ इंडियन टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 की धारा 42(3) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने साइबर सुरक्षा को लेकर आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि 'कलर प्रेडिक्शन', 'रेड-ग्रीन बेटिंग', या 'पैसे डबल' जैसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप पूरी तरह फर्जी होते हैं। किसी भी संदिग्ध लिंक, वेबसाइट या ऐप पर पैसे लगाने से बचें।

Point of View

मेरा मानना है कि इस तरह की साइबर ठगी से हम सभी को सतर्क रहना चाहिए। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि डिजिटल सुरक्षा के प्रति सजग रहना अत्यंत आवश्यक है। हमें अपने ऑनलाइन व्यवहार को सुरक्षित बनाना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करनी चाहिए।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य क्या था?
गिरोह का मुख्य उद्देश्य भारतीय और अन्य देशों के नागरिकों को अवैध ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाएं प्रदान करके ठगी करना था।
पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने इस मामले में कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
क्या किया जाना चाहिए अगर हमें इसी तरह के ठगी का सामना करना पड़े?
अगर आप किसी ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें।
क्या इस गिरोह के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की गई है?
हाँ, थाना फेस-1 में कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
साइबर सुरक्षा के बारे में हमें क्या जानकारी होनी चाहिए?
साइबर सुरक्षा के लिए हमेशा संदेहास्पद लिंक और वेबसाइटों से बचें और अपने व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखें।
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