क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाला गैंग पकड़ा गया?

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क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाला गैंग पकड़ा गया?

सारांश

नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो विदेशी नागरिकों से लाखों की धोखाधड़ी कर रहा था। १२ लोगों की गिरफ्तारी के साथ, पुलिस ने तकनीकी और डिजिटल धोखाधड़ी के नए तरीकों का खुलासा किया है। यह कहानी न केवल पुलिस की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि वर्तमान में बढ़ती साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित करती है।

Key Takeaways

  • फर्जी कॉल सेंटर से बचने के लिए सतर्क रहें।
  • साइबर धोखाधड़ी के मामले में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
  • डिजिटल मुद्रा के इस्तेमाल में सावधानी बरतें।
  • गिफ्ट कार्ड के माध्यम से पैसे भेजने से पहले सोचें।
  • साइबर सुरक्षा उपायों को समझें और अपनाएं।

नोएडा, १५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा पुलिस ने एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी कर रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के १२ सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, थाना एक्सप्रेस-वे पुलिस ने गूगल ऐप के जरिए विदेशी नागरिकों के डेटा को खरीदकर उनसे ठगी करने वाले इस गिरोह का खुलासा किया। ये लोग टेलीग्राम और स्काइप ऐप के माध्यम से विदेशी नागरिकों को लोन देने के नाम पर कॉल करते थे और उन्हें गिफ्ट कार्ड भेजकर ठगी करते थे।

इस गिरोह के १२ आरोपियों में १० पुरुष और २ महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से १० लैपटॉप, १६ मोबाइल फोन, ९ लैपटॉप चार्जर, ९ हेडफोन, ५ कीबोर्ड, ५ माउस, १ इंटरनेट राउटर और १ आईफोन चार्जर बरामद किया है।

पुलिस ने जेपी कॉसमॉस बिल्डिंग के टॉवर केएम ७ के १७वें मंजिल पर स्थित इस फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह गूगल ऐप के माध्यम से डेटा खरीदता था, और भुगतान यूएसडीटी में करता था, जो डिजिटल मुद्रा या गिफ्ट वाउचर में होता है।

धोखाधड़ी का तरीका यह था कि जब किसी व्यक्ति को लोन की जरूरत होती थी तो वह इनसे हां का संदेश भेजता था या दिए गए नंबर पर कॉल करता था। इसके बाद ये लोग ३०० डॉलर की मांग करते थे। अगर व्यक्ति के पास पैसा होता था, तो वे गिफ्ट कार्ड द्वारा भुगतान प्राप्त कर लेते थे। यदि व्यक्ति के पास पैसे नहीं होते थे, तो ये लोग फर्जी चेक के माध्यम से धोखाधड़ी करते थे।

Point of View

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि वर्तमान में डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ हमारी सुरक्षा कितनी सख्त है। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच, हमें अपनी सावधानी और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

फर्जी कॉल सेंटर कैसे काम करता है?
फर्जी कॉल सेंटर विदेशी नागरिकों को लोन देने के नाम पर ठगी करता है, और गिफ्ट कार्ड के माध्यम से पैसे लेता है।
पुलिस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने इस गिरोह के १२ सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
फर्जी कॉल सेंटर का पता कहां था?
फर्जी कॉल सेंटर जेपी कॉसमॉस बिल्डिंग के १७वें मंजिल पर स्थित था।
गिरोह का मुख्य काम क्या था?
गिरोह का मुख्य काम विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी करना था।
पुलिस ने क्या बरामद किया?
पुलिस ने १० लैपटॉप, १६ मोबाइल फोन, और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।