क्या नोएडा में फर्जी मार्कशीट रैकेट का भंडाफोड़ हुआ? सरगना समेत दो गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- नोएडा में फर्जी मार्कशीट रैकेट का भंडाफोड़
- दो मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
- फर्जी दस्तावेजों का बड़ा जखीरा बरामद
- बेरोजगारों और फेल छात्रों को निशाना बनाना
- पुलिस की कार्रवाई में तेजी
नोएडा, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए फर्जी मार्कशीट और शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सरगना समेत दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों की पहचान अभिमन्यु गुप्ता (उम्र 40 वर्ष) और धर्मेंद्र गुप्ता (उम्र 42 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से कानपुर के निवासी हैं। इन दोनों ने नोएडा के सेक्टर 100 और 99 में किराए के मकान में अवैध गतिविधियाँ शुरू की थीं।
पुलिस ने इन आरोपियों को जल बोर्ड ऑफिस, सेक्टर-1 नोएडा के पास से गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 66 फर्जी मार्कशीट, 7 माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 22 रिज्यूमे, 14 प्लेन परीक्षा कॉपी, 9 डेटा शीट, 4 फर्जी मोहर, 1 इंकपैड, 2 एचपी कंपनी के लैपटॉप, 2 प्रिंटर, 1 लैंडलाइन फोन, 14 विभिन्न बैंकों की चेकबुक, 5 कैश डिपॉजिट स्लिप बुक, पीएनबी बैंक की पासबुक, 8 रसीद बुक, 8 एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 7 मोबाइल फोन, 9 सिम कार्ड और 2 कार बरामद की।
पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी बेरोजगार व्यक्तियों, परीक्षा में फेल हुए छात्रों और नौकरी की आयु सीमा पार कर चुके लोगों को निशाना बनाते थे। ये लोग गूगल से जानकारी इकट्ठा कर फर्जी मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और रिज्यूमे तैयार करते थे, जो देखने में वास्तविक लगते थे।
ग्राहक की जरूरत और इच्छा के अनुसार अंक, प्रतिशत और उम्र में परिवर्तन किया जाता था। इन नकली दस्तावेजों के लिए आरोपित 80 हजार2 लाख रुपए तक वसूलते थे। इस मामले में पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस गिरोह से और कितने लोग जुड़े हुए हैं और कितने लोगों को अब तक फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए जा चुके हैं।