क्या नोएडा में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है?

सारांश
Key Takeaways
- नवरात्रि का पर्व हर साल भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
- माता शैलपुत्री की पूजा से परिवार में सुख और समृद्धि आती है।
- कलश स्थापना धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नोएडा, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ सोमवार से हो चुका है। पहले दिन मां दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा पूरे जिले में धूमधाम से की जा रही है। इनका नाम पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण शैलपुत्री पड़ा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता शैलपुत्री की पूजा से परिवार में सुख-समृद्धि, रिश्तों में मजबूती और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
माता शैलपुत्री का स्वरूप अत्यंत शांत और सौम्य है। उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है। उनका वाहन वृषभ है।
माता शैलपुत्री के पूजन से ‘मूलाधार चक्र’ जाग्रत होता है, जिससे जीवन में स्थिरता और आत्मबल प्राप्त होता है। इसी कारण भक्त विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा करते हैं।
नवरात्रि के आरंभ पर भक्तजन सुबह स्नान-ध्यान कर विधिपूर्वक कलश स्थापना करते हैं।
परंपरा के अनुसार, कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, चंदन, अक्षत आदि डालकर उसे पूर्वोत्तर कोण में स्थापित किया जाता है। कलश के ऊपर आम या पीपल के पत्ते तथा नारियल रखा जाता है।
पूजा के दौरान नवार्ण मंत्र “ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” का जाप कर माता शैलपुत्री को पुष्प, फल और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। श्रद्धालु इस दिन केसरिया वस्त्र धारण करते हैं और फलाहार करते हुए मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
नवरात्र के पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए हैं। रविवार देर रात तक अधिकारियों ने बैठक कर सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की।
सोमवार सुबह से ही मंदिरों, प्रमुख चौराहों और भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यातायात पुलिसकर्मी सक्रिय नजर आए। पुलिस ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे निर्धारित मार्गों से ही आवागमन करें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।