क्या किसानों ने नोएडा प्राधिकरण का घेराव किया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों का घेराव नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ बढ़ती नाराजगी को दर्शाता है।
- भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
- किसान परिषद ने अपनी रणनीति पहले से तैयार की थी।
- प्राधिकरण पर आरोप है कि वह अवैध निर्माण कर रहा है।
- किसानों ने सरकार से सुधारात्मक कार्रवाई की अपील की है।
नोएडा, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय किसान परिषद के बैनर तले सोमवार को सैकड़ों किसानों ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण का घेराव किया। किसानों की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस पहले से ही अलर्ट मोड में थी और उन्होंने बैरिकेड लगाकर किसानों को प्राधिकरण के गेट पर रोक लिया। इसके बाद किसान वहीं धरने पर बैठ गए।
किसानों ने पहले से ही यह रणनीति बना ली थी कि वे सोमवार को नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन करेंगे और उसके बाद पंचायत करेंगे, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि वह आबादी की जमीन पर बने मकानों को अवैध निर्माण बताकर ध्वस्त कर रही है। हाल ही में एक किसान के मकान को भी तोड़ा गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान ने प्राधिकरण के एक अधिकारी द्वारा मांगे गए पैसे नहीं दिए। सुखवीर खलीफा ने इसका एक वीडियो बनाकर वायरल भी किया था।
किसानों की मांगों में, 10 प्रतिशत आबादी के प्लॉट, 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा, आबादी जैसी है, वैसी छोड़ी जाए आदि शामिल हैं। इसके साथ ही उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग की गई है।
प्राधिकरण परिसर के अलावा बाहर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। इससे पहले भी किसान लगातार प्राधिकरण पर प्रदर्शन करते रहे हैं।
शनिवार को किसानों ने औद्योगिक विकास मंत्री से भी बातचीत की थी, जिसमें उन्हें अपनी मांगों के संबंध में आश्वासन मिला था। सुखवीर खलीफा ने कहा कि प्राधिकरण की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्ट अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की जाएगी।