क्या नास्त्रेदमस ने दुनिया को डराया और उलझाया?
सारांश
Key Takeaways
- भविष्यवक्ता के रूप में नास्त्रेदमस की पहचान
- उनकी कविताओं की प्रतीकात्मकता
- राजनीतिक उथल-पुथल का प्रभाव
- भविष्य की जिज्ञासा का मानव स्वभाव
- धार्मिक कट्टरता का सामना
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे नया साल निकट आता है, भविष्यवक्ताओं की चर्चा में तेजी आ जाती है। इनमें से एक हैं बाबा वेंगा और दूसरे हैं 14 दिसंबर 1503 को जन्मे नास्त्रेदमस। उनका जन्म फ्रांस के छोटे कस्बे सेंट-रेमी-डी-प्रोवॉन्स में हुआ था। ऐसे व्यक्ति जिन्हें कुछ लोग दूरदर्शी भविष्यवक्ता, कुछ रहस्यवादी कवि, और अन्य सिर्फ एक बुद्धिमान चिकित्सक और खगोलज्ञ मानते हैं।
मिशेल द नोस्त्रेदाम, यानी नॉस्ट्राडेमस, जब बड़े हो रहे थे, तो यूरोप युद्धों, महामारियों और राजनीतिक उथल-पुथल से भरा हुआ था। शायद इसी परिस्थिति ने उनके अंदर भविष्य को समझने की जिज्ञासा जगाई। युवा नॉस्ट्रादेमस ने गणित, खगोलशास्त्र और औषधि विज्ञान की पढ़ाई की और प्लेग जैसी महामारी के दौरान लोगों का उपचार किया।
जब डॉक्टर भी मरीजों के पास जाने से कतराते थे, नॉस्ट्राडेमस ने बिना डर के यात्रा की और लोगों की जान बचाने की कोशिश की। इस मानवीय कार्य ने उन्हें पहली पहचान दी।
हालांकि, उन्हें लोग इसलिए नहीं जानते। उनकी असली प्रसिद्धि 1555 में आई, जब उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “ले प्रोफेसीज” लिखी, जिसमें सैकड़ों रहस्यमयी चार-पंक्तियों वाली कविताएँ हैं, जो भविष्य की घटनाओं के संकेत देती हैं। इन पंक्तियों की भाषा इतनी प्रतीकात्मक और धुंधली थी कि लोग हर युग में इन्हें अपने समय की घटनाओं से जोड़ते रहे। किसी ने कहा उन्होंने नेपोलियन का उदय दिखाया, किसी ने दावा किया कि हिटलर के बारे में भी उनके लेखन में संकेत हैं।
आधुनिक समय में भी कई लोग 9/11 से लेकर प्राकृतिक आपदाओं तक को उनकी भविष्यवाणियों से जोड़ते हैं, जबकि विद्वान हमेशा इस पर बहस करते हैं कि क्या यह सच है या केवल संयोग।
दिलचस्प बात यह है कि नॉस्ट्राडेमस ने अपनी कविताओं को किसी चमत्कारी भविष्यवाणी के रूप में पेश नहीं किया। वे ज्योतिष, इतिहास और अपने समय की राजनीतिक स्थितियों को मिलाकर भविष्य के बारे में अनुमान लगाते थे। उनके लेखन की लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि वे रहस्य पैदा करने में माहिर थे। थोड़ी-सी धुंध और अस्पष्ट संकेतों ने दुनिया को सदियों तक उलझाए रखा।
उनका जीवन भी उतना ही दिलचस्प था जितनी उनकी रहस्यमयी कविताएँ। वे एक सम्मानित चिकित्सक थे, राजा-रानियों के सलाहकार बने, और अपनी विद्वत्ता के कारण यूरोप भर में प्रसिद्ध हुए। लेकिन हर प्रसिद्धि कुछ भय भी लाती है; धार्मिक कट्टरपंथियों को उनके विचार पसंद नहीं आए और कई बार वे आरोपों के घेरे में आए। फिर भी उन्होंने अपने काम को जारी रखा और अपनी किताबों को लगातार अपडेट करते रहे।
आज, उनके जन्म के 522 वर्ष बाद भी, नास्त्रेदमस एक रहस्य बने हुए हैं। लोग उन्हें पढ़ते हैं, समझने की कोशिश करते हैं, और उनके शब्दों में भविष्य तलाशते हैं। चाहे उनकी भविष्यवाणियाँ सच हों या न, इतना निश्चित है कि उन्होंने इतिहास में एक ऐसा अध्याय लिखा है जो कभी पुराना नहीं होगा, क्योंकि भविष्य की जिज्ञासा मानव स्वभाव का हिस्सा है, और नास्त्रेदमस उसी जिज्ञासा की सबसे रोचक मिसाल हैं।