क्या एनआरसी के चलते आत्महत्या कर रहे हैं लोग? ममता बनर्जी का बयान
सारांश
Key Takeaways
- एनआरसी के खिलाफ ममता बनर्जी का स्पष्ट विरोध।
- भाजपा की राजनीति पर चिंता व्यक्त की गई।
- सामाजिक असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
- बंगाल में प्रतिरोध की भावना मजबूत है।
- संविधानिक लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प।
कोलकाता, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि पानीहाटी के खरदाहा में एक 57 वर्षीय व्यक्ति ने आत्महत्या की है और उसने अपनी मौत के लिए एनआरसी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि 57 वर्षीय प्रदीप कर पानीहाटी के खरदाहा क्षेत्र के महाज्योति नगर का निवासी थे। प्रदीप कर ने आत्महत्या की और एक सुसाइड नोट छोड़ा। ममता बनर्जी के अनुसार, सुसाइड नोट में प्रदीप कर ने लिखा है, "एनआरसी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार है।"
उन्होंने कहा, "भाजपा की भय और विभाजन की राजनीति का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है?"
सीएम ने यह भी कहा कि हमारी धरती ‘मां, माटी और मानुष’ की है, न कि उन लोगों की जो नफरत पर निर्भर करते हैं। ममता बनर्जी ने कहा, "दिल्ली के जमींदारों को यह स्पष्ट रूप से सुन लेना चाहिए कि बंगाल इसका प्रतिरोध करेगा, बंगाल इसकी रक्षा करेगा और बंगाल विजयी होगा।"
सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, "मैं यह सोचकर हैरान हूं कि कैसे भाजपा ने वर्षों से झूठ और आतंक फैलाकर और वोटों के लिए असुरक्षा को हथियार बनाकर निर्दोष नागरिकों को सताया है। उन्होंने संवैधानिक लोकतंत्र को एक कठोर कानून-व्यवस्था में बदल दिया है, जहां लोगों को अपने अस्तित्व के अधिकार पर ही संदेह करने पर मजबूर किया जाता है। यह दुखद मौत भाजपा के जहरीले प्रचार का सीधा परिणाम है।"
उन्होंने कहा, "जो लोग दिल्ली में बैठकर राष्ट्रवाद का उपदेश देते हैं, वे आम भारतीयों को इतनी निराशा में धकेल चुके हैं कि वे अपनी ही धरती पर मर रहे हैं, इस डर से कि उन्हें 'विदेशी' घोषित कर दिया जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इस खेल को हमेशा के लिए समाप्त करे। बंगाल कभी एनआरसी की अनुमति नहीं देगा और किसी को भी हमारे लोगों की गरिमा या अपनेपन से वंचित करने की इजाजत नहीं देगा।