क्या न्यायमूर्ति सौमेन सेन मेघालय उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश बने?

सारांश
Key Takeaways
- न्यायमूर्ति सौमेन सेन ने मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
- उनकी नियुक्ति न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- राज्य की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- मुख्यमंत्री ने न्यायिक सुधारों की आवश्यकता का उल्लेख किया।
- न्यायमूर्ति सेन का लक्ष्य सस्ता और तेज न्याय प्रदान करना है।
शिलांग, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिलांग के राजभवन में बुधवार को एक भव्य समारोह में न्यायमूर्ति सौमेन सेन ने मेघालय उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण किया। इस अवसर पर राज्यपाल सी.एच. विजयशंकर ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी। यह नियुक्ति राज्य की न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
न्यायमूर्ति सेन ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंद्र प्रसन्ना मुखर्जी का स्थान लिया, जो 5 सितंबर को रिटायर हो गए थे। उनके रिटायरमेंट के बाद न्यायमूर्ति हमरसन सिंह थांगखियू ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था। अब न्यायमूर्ति सेन ने औपचारिक रूप से 14वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया है।
इस शपथ ग्रहण समारोह में कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें मेघालय उच्च न्यायालय के जज, मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, विपक्ष के नेता डॉ. मुकुल संगमा, कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ वकील, सरकारी अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे। समारोह में राज्य की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने की बात कही गई।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन का जन्म 1965 में कोलकाता में हुआ था। उन्हें 2011 में कलकत्ता उच्च न्यायालय में जज नियुक्त किया गया था और वे वहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे। उनकी मेघालय में नियुक्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने सिफारिश की थी, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दी। उनकी नियुक्ति से न्यायपालिका में अनुभव और नेतृत्व की नई उम्मीद जगी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि न्यायमूर्ति सेन के आने से राज्य में न्यायिक सुधारों को गति मिलेगी। वहीं, विपक्ष के नेता डॉ. मुकुल संगमा ने भी उनके अनुभव की सराहना की। समारोह के बाद न्यायमूर्ति सेन ने कहा कि वे मेघालय के लोगों को सस्ता और तेज न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह नियुक्ति मेघालय के लिए एक नई शुरुआत है, जो राज्य की कानूनी व्यवस्था को और मजबूत करेगी।