क्या आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ओडिशा मजबूत साझेदार बन रहा है? : सीएम माझी

सारांश
Key Takeaways
- मेक इन इंडिया ने ११ वर्ष पूरे किए हैं।
- ओडिशा की प्राकृतिक संसाधन क्षमता का लाभ उठाया जा रहा है।
- स्वरोजगार के नए अवसरों का निर्माण हो रहा है।
- सरकार ने व्यापार में सुलभता पर ध्यान दिया है।
- आत्मनिर्भरता की दिशा में ओडिशा का योगदान महत्वपूर्ण है।
भुवनेश्वर, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मेक इन इंडिया पहल के ११ सफल और परिवर्तनकारी वर्ष पूरा होने पर, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इसे पीएम मोदी द्वारा आरंभ किया गया एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
सीएम माझी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, मेक इन इंडिया पहल ने ११ परिवर्तनकारी वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक प्रयास ने स्वदेशी की भावना को बढ़ावा दिया है, स्वरोजगार के नए रास्ते खोले हैं और स्वावलंबन के मार्ग को मजबूत किया है, जिससे आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी गई है।"
सीएम माझी ने 'एक्स' पोस्ट में आगे लिखा, "अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, विशाल तटरेखा, गतिशील औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिभाशाली मानव संसाधनों के साथ, ओडिशा इस यात्रा में एक गौरवमयी भागीदार रहा है। राज्य सेमीकंडक्टर नीति और इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण नीति के अंतर्गत उभरते अवसरों का लाभ उठा रहा है, साथ ही इस्पात, एल्युमीनियम और खनिज जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहा है, जिससे भारत की वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थिति मजबूत हो रही है।"
जानकारी के अनुसार, मेक इन इंडिया पहल २५ सितंबर, २०१४ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ की गई थी। इसका उद्देश्य भारत को विनिर्माण, डिज़ाइन और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाना, निवेश को बढ़ावा देना और व्यापार में आसानी लाना है। इस पहल के माध्यम से भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है।
इस पहल के तहत 'व्यापार में सुलभता' को उद्यमिता के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, जिसके चलते स्टार्टअप्स और स्थापित उद्यमों के लिए कारोबारी माहौल में सुधार के उपाय किए गए हैं। सरकार ने विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट शहरों के विकास को प्राथमिकता दी है।