क्या ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी 'भारत समुद्री सप्ताह' कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा के मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण यात्रा
- भारत समुद्री सप्ताह का आयोजन
- पोर्ट-आधारित निवेश के अवसरों पर चर्चा
- समुद्री बुनियादी ढांचे में प्रगति
- नवीनतम विकास और समुद्री संभावनाएं
भुवनेश्वर, २६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी रविवार को मुंबई यात्रा पर रहेंगे। वे भारत समुद्री सप्ताह (इंडिया मेरिटाइम वीक) में भाग लेंगे, जो २७ से ३१ अक्टूबर तक आयोजित हो रहा है।
मुख्यमंत्री माझी उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और उसके बाद ओडिशा विशेष सत्र में भाग लेंगे, जो राज्य के पोर्ट-आधारित निवेश अवसरों और समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से निर्यात क्षमता पर केंद्रित होगा। ओडिशा सरकार का प्रतिनिधिमंडल पहले ही मुंबई पहुँच चुका है।
'इंडिया मेरिटाइम वीक' एक प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो सरकारी नेताओं, उद्योग विशेषज्ञों और निवेशकों को समुद्री बुनियादी ढांचे, बंदरगाह विकास और नीली अर्थव्यवस्था में प्रगति और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एकत्र करता है। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत के बढ़ते समुद्री क्षेत्र में सहयोग और इनवोवेशन को बढ़ावा देना है।
ओडिशा की भागीदारी राज्य की पोर्ट-आधारित औद्योगिक वृद्धि और तटीय आर्थिक विकास में प्रमुख केंद्र बनने की दृष्टि को दर्शाती है। राज्य का प्रतिनिधिमंडल पोर्ट-आधारित उद्योगों, लॉजिस्टिक्स, मत्स्य पालन और समुद्री तकनीक में निवेश के अवसरों पर जानकारी देगा। इसके साथ ही, यह प्रतिनिधिमंडल भारत के समुद्री व्यापार और निर्यात इकोसिस्टम को सशक्त करने के लिए ओडिशा की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।
ओडिशा सत्र के दौरान, राज्य अपने विश्व स्तरीय पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, नए विकास और विशाल समुद्री संभावनाओं को प्रस्तुत करेगा और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को नए साझेदारी अवसरों की खोज करने के लिए आमंत्रित करेगा। यह यात्रा एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि ओडिशा सरकार मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में ५०० दिन पूरे कर रही है। इसके साथ ही, सरकार समावेशी विकास, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
एक बयान में कहा गया है, "ओडिशा सरकार निवेशकों, उद्योग जगत के लोगों और समुद्री विशेषज्ञों का स्वागत करती है। व्यापार, नवाचार और सतत समुद्री विकास के लिए एक रणनीतिक प्रवेश द्वार बनने की दिशा में इस यात्रा में शामिल हों।"