क्या ओडिशा में छात्रा की मौत ने सरकार की विफलता को उजागर किया?

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क्या ओडिशा में छात्रा की मौत ने सरकार की विफलता को उजागर किया?

सारांश

क्या ओडिशा में छात्रा की दुखद मौत ने सरकार की विफलताओं को उजागर किया? विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और भविष्य की संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • छात्रा की मृत्यु ने महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
  • विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • न्यायिक जांच की मांग की गई है।
  • महिलाओं के अधिकारों के लिए एकजुटता जरूरी है।
  • सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने की संभावना है।

बालासोर, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित फकीरमोहन कॉलेज की 28 वर्षीय छात्रा की मृत्यु ने पूरे राज्य में संगठनात्मक हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के फलस्वरूप, विपक्षी दलों ने भाजपा नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार पर तीखा आरोप लगाया है। कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने इसे सामाजिक न्याय और महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की विफलता बताया।

कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इस घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि "डबल इंजन सरकार" के शासन में जंगल राज कायम हो गया है। हमने विधानसभा में बार-बार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक तक, सभी को इस मामले की जानकारी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

सीपीआई(एम) के ओडिशा राज्य सचिव सुरेश चंद्र पाणिग्रही ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे "नैतिक पतन" और "संस्थागत विफलता" का परिणाम बताते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की हत्या है। कॉलेज के प्राचार्य और लेक्चरर की लापरवाही के साथ-साथ जिला प्रशासन और सरकार की उदासीनता इस घटना के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने दावा किया कि छात्रा ने यौन और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की थी, लेकिन समय पर कार्रवाई न होने के कारण उसकी जान चली गई। सीपीआई(एम) ने मांग की है कि इस मामले की उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच हो। उन्होंने स्थानीय सांसद, विधायक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और उच्च शिक्षा मंत्री को जांच के दायरे में लाने की मांग की।

पाणिग्रही ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री को नैतिक आधार पर तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले एक साल में मोहन माझी सरकार महिलाओं, आदिवासियों और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है।

उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म, धार्मिक हिंसा और अन्य अपराधों का हवाला देते हुए सरकार को "गैर-लोकतांत्रिक" करार दिया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर संयुक्त रणनीति बनाने का फैसला किया है। सीपीआई(एम) ने घोषणा की कि संयुक्त विपक्ष जल्द ही एक बैठक आयोजित करेगा और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। वे मांग कर रहे हैं कि पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय मिले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर एक गहरी चिंता का प्रतीक है। सभी राजनीतिक दलों को इस मामले में एकजुट होकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा में छात्रा की मृत्यु के कारण क्या हैं?
छात्रा की मृत्यु की वजहों में यौन और मानसिक उत्पीड़न की शिकायतें शामिल हैं, जिनकी समय पर कार्रवाई नहीं की गई।
विपक्ष ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
क्या इस मामले की न्यायिक जांच होगी?
सीपीआई(एम) ने मांग की है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की जाए।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार की क्या स्थिति है?
विपक्ष का आरोप है कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।
क्या इस घटना के बाद सरकार कुछ कदम उठाएगी?
विपक्ष ने ठोस कदम उठाने की मांग की है, लेकिन यह सरकार की कार्रवाई पर निर्भर करेगा।
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