क्या ओडिशा में नकली डीएसपी बनकर घूमने वाला झारखंडी आरोपी गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- नकली डीएसपी बनकर घूमने वाले आरोपी को भद्रक में गिरफ्तार किया गया।
- पुलिस ने आरोपी के पास से कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की।
- आरोपी ने कई राज्यों में धोखाधड़ी की है।
- पुलिस की तत्परता से आरोपी को पकड़ा गया।
- आरोपी बेरोजगारी के चलते अपराध की राह पर गया।
भद्रक, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के भद्रक जिले में ग्रामीण पुलिस ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। झारखंड के निवासी राहुल सिंह राणावत, जो पिछले एक साल से अधिक समय से नकली पुलिस अधिकारी बनकर विभिन्न राज्यों में घूम रहा था, को नलंगा चौक के पास से पकड़ा गया। यह आरोपी अपने आपको डीएसपी या रेलवे पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डराता था और उनसे लाभ उठाता था। पुलिस ने उसके पास से नकली हथियार, वर्दियां और अन्य सामग्री बरामद की है, जिससे उसके अपराधों का खुलासा हो रहा है।
पुलिस के अनुसार, गुरुवार को भद्रक ग्रामीण थाना क्षेत्र के अंतर्गत नलंगा चौक पर स्थित हार्दिक होटल के पास गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारा गया। आरोपी होटल में ठहरा हुआ था और अपने को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर स्टाफ को धमका रहा था। जैसे ही पुलिस टीम वहां पहुंची, राहुल सिंह ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे तुरंत पकड़ लिया गया।
तलाशी के दौरान उसके पास से 38 आपत्तिजनक वस्तुएं मिलीं, जिनमें एक नकली पिस्तौल, विभिन्न राज्यों की पुलिस वर्दियां, रेलवे पुलिस की यूनिफॉर्म, पुलिस डंडा, कई बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और एक कार शामिल हैं। इन सामग्रियों से यह स्पष्ट है कि आरोपी पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में घूम-घूमकर अपराध करता था।
भद्रक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अरूप अभिषेक बेहरा ने गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, "राहुल सिंह राणावत लंबे समय से डीएसपी और रेलवे पुलिस जैसे वरिष्ठ पदों का ढोंग कर रहा था। हमने उसके पास से नकली हथियार, वर्दियां और अन्य सामग्री जब्त की है। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और रिमांड लिया जाएगा। आगे की जांच में पता लगाया जाएगा कि उसने कहां-कहां धोखाधड़ी की और कितना अवैध लाभ कमाया।"
एएसपी ने बताया कि आरोपी झारखंड के एक छोटे से गांव का निवासी है और बेरोजगारी के चलते इस रास्ते पर आया था। वह नकली आईडी कार्ड बनवाकर होटलों, रेलवे स्टेशनों और सरकारी कार्यालयों में घुसता था। पुलिस अब आरोपी के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच कर रही है।
शुरुआती पूछताछ में राहुल ने स्वीकार किया कि वह नकली वर्दी पहनकर लोगों से पैसे वसूलता था और कभी-कभी छोटे-मोटे अपराधों में सहयोग करता था। एक घटना में उसने असम में एक व्यापारी को धमकाकर 50 हजार रुपए ऐंठे थे।