क्या ओडिशा के एनएच-326 मोहना-कोरापुट खंड के चौड़ीकरण से विकास होगा?
सारांश
Key Takeaways
- एनएच-326 का चौड़ीकरण 1,526 करोड़ रुपए की लागत से होगा।
- मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।
- यह परियोजना आदिवासी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देगी।
- यात्रा समय 2.5 से 3 घंटे कम होगा।
- यह सड़क प्रमुख आर्थिक गलियारों से जुड़ेगी।
भुवनेश्वर, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई एक महत्वपूर्ण विकास सौगात के लिए आभार व्यक्त किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय राजमार्ग-326 (एनएच-326) के मोहना-कोरापुट खंड के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,526.21 करोड़ रुपए है।
मुख्यमंत्री माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया।
मुख्यमंत्री ने लिखा, "यह महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पहल दक्षिणी ओडिशा के दूरदराज और अंदरूनी इलाकों, खासकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में हर मौसम में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बाजार और रोजगार के अवसरों तक बेहतर पहुंच मिलेगी, साथ ही आर्थिक गतिविधि में तेजी आएगी, सड़क सुरक्षा बढ़ेगी और क्षेत्र तथा पूरे राज्य के समावेशी और समग्र विकास में योगदान मिलेगा।"
यह परियोजना इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर होगी। वर्तमान में मोहना-कोरापुट खंड (किमी 68.600 से 311.700 तक, लगभग 243 किमी) दो लेन का है, जिसमें ज्यादातर स्थानों पर इंटरमीडिएट लेन, तेज मोड़, खड़ी ढलान और संकरी सड़कें हैं। इससे भारी वाहनों की आवाजाही मुश्किल होती है, फ्रेट ट्रैफिक कम रहता है और दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है। अपग्रेडेशन के बाद इसे दो लेन हाईवे विद पेव्ड शोल्डर में परिवर्तित किया जाएगा। इससे यात्रा का समय 2.5 से 3 घंटे कम होगा और दूरी लगभग 12.5 किमी घटेगी।
यह सड़क गजपति, रायगड़ा और कोरापुट जिलों से गुजरती है, जो आदिवासी और आकांक्षी जिलों में शामिल हैं। यह प्रमुख आर्थिक गलियारों से जुड़ेगी, जैसे एनएच-26, एनएच-59, एनएच-16 और रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर। इससे गोपालपुर पोर्ट, जयपुर एयरपोर्ट, जेके पेपर, नाल्को, आईएमएफए, वेदांता, एचएएल और मेगा फूड पार्क जैसे औद्योगिक केंद्रों तक पहुंच आसान होगी। शिक्षा और पर्यटन के लिए भी यह फायदेमंद रहेगी, जैसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ ओडिशा, कोरापुट मेडिकल कॉलेज, तप्तपानी और रायगड़ा के पर्यटन स्थल।
मुख्यमंत्री माझी का इस परियोजना पर विशेष उत्साह इसलिए है क्योंकि यह रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर से जुड़कर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को भी अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचाएगी। बेहतर कनेक्टिविटी से आदिवासी इलाकों में रोजगार, बाजार पहुंच और विकास को नई गति मिलेगी।
यह फैसला वर्ष 2025 के आखिरी दिन आया, जब कैबिनेट ने कुल 20,668 करोड़ रुपए की दो हाईवे परियोजनाओं (महाराष्ट्र के नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर सहित) को मंजूरी दी।