क्या राहुल गांधी ने किसान प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों की समस्याएं गंभीर हैं।
- फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल रहा।
- मंडियों की हालत खराब है।
- सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए।
- भ्रष्टाचार का खुला खेल
भुवनेश्वर, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भुवनेश्वर में किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं पर चर्चा की।
इस बैठक में किसानों ने राहुल गांधी को बताया कि फसल बीमा योजना में उनसे पैसे तो लिए गए, लेकिन आपदा के बाद जब फसल बर्बाद होती है, तब भी उन्हें बीमा का पैसा नहीं मिलता। किसान इस अन्याय से बेहद परेशान हैं और इसका समाधान चाहते हैं।
एक किसान ने व्यक्तिगत बातचीत में कहा कि फसल बीमा योजना केवल कागजों पर है, असल में किसानों को इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है। आपदा के समय फसल बर्बाद होने पर भी बीमा का पैसा नहीं मिलता, जिससे किसानों को नुकसान की भरपाई नहीं होती। तीन बीमा कंपनियों के होने के बावजूद एक ही कंपनी को इस कार्य के लिए चुना गया, ताकि किसानों के पास विकल्प न रहे। वर्तमान सरकार इन समस्याओं से बेखबर है।
एक अन्य किसान ने कहा कि मंडियों और एमएसपी की स्थिति बेहद खराब है। 4,700 मंडियों में से 4,000 में बिक्री की कोई व्यवस्था नहीं है। किसान द्वारा उगाए गए धान भ्रष्टाचार का शिकार हो जाते हैं। जब हम धान मंडी में लाते हैं तो वह खुले आसमान में पड़ा रहता है। कालाबाजारी का खेल चल रहा है और सरकार किसानों के साथ खड़ी नहीं है।
इस दौरान किसानों के एक समूह ने अपनी मांगों को लेकर राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञात रहे, राहुल गांधी ने हाल ही में ओडिशा दौरे के दौरान भुवनेश्वर के बारामुंडा मैदान में 'संविधान बचाओ' रैली को संबोधित किया और डबल इंजन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए इकट्ठा किए गए हजारों करोड़ रुपये कुछ बड़ी कंपनियों को दे दिए गए, जबकि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला। ओडिशा की वर्तमान भाजपा सरकार भी पहले की बीजद सरकार की तरह गरीब किसानों की हकमारी कर रही है।